Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Aug, 2017 09:31 AM
पंजाब में नई ट्रांसपोर्ट नीति का मसौदा तैयार कर लिया गया है। इसे अगले सप्ताह तक अमरेन्द्र सरकार द्वारा मंजूरी प्रदान कर दी जाएगी।
जालंधर (धवन): पंजाब में नई ट्रांसपोर्ट नीति का मसौदा तैयार कर लिया गया है। इसे अगले सप्ताह तक अमरेन्द्र सरकार द्वारा मंजूरी प्रदान कर दी जाएगी। नई नीति में ट्रांसपोर्ट माफिया पर लगाम लगेगी तथा साथ ही राज्य में अवैध रूप से चल रही बसों को रोकने के लिए भी सख्त कदम उठाए जाएंगे। पिछले दिनों मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह ने अवैध रूप से चल रही बसों को रोकने के लिए विजीलैंस ब्यूरो को दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिसके बाद विजीलैंस ने कई शहरों में बसों की चैकिंग कर भारी जुर्माने किए थे।
ट्रांसपोर्ट विभाग का कायाकल्प करने के लिए नई ट्रांसपोर्ट नीति तैयार की गई है। नई नीति में सरकार पहले ही 100 करोड़ रुपए का सड़क सुरक्षा कोष बनाने का ऐलान कर चुकी है। इस कोष में 20 करोड़ रुपए की राशि ट्रैफिक चालानों से आएगी। इसी तरह से तेज गति या शराब पीकर वाहन चलाने वाले चालकों को पकडऩे के लिए संबंधित उपकरणों की खरीद भी सरकार करने जा रही है। वाहनों के लिए फिटनैस सर्टीफिकेट लेने की व्यवस्था सरकार द्वारा की जाएगी। ट्रांसपोर्ट विभाग में एक अन्य महत्वपूर्ण तबदीली के तहत पहले ही आर.टी.ए. के नए पदों को सृजित किया जा चुका है तथा साथ ही आर.टी.एज को ज्यादा अधिकार भी प्रदान किए गए हैं।
ट्रांसपोर्ट नीति के तहत विभाग में चल रही अधिकारियों व कर्मचारियों की कमी की तरफ भी ध्यान दिया जाएगा। राज्य में इस समय केवल 11 मोटर व्हीकल इंस्पैक्टर हैं। राज्य में प्रति जिला एक-एक मोटर व्हीकल इंस्पैक्टर होना अनिवार्य है परन्तु उसकी भी कमी चल रही है। राज्य में पिछले 10 वर्षों में बसों का फ्लीट नहीं बढ़ाया गया। इस तरफ भी ध्यान दिया जाएगा। राज्य में रोजाना 1.2 मिलियन यात्री सार्वजनिक बसों से यात्रा करते हैं। सार्वजनिक व सरकारी बसों की तुलना में इस समय राज्य में प्राइवेट बसों की गिनती ज्यादा है।