Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Aug, 2017 01:35 PM
पंजाब में छाए डेरा प्रमुख विवाद का लुधियाना में बेशक असर ज्यादा न दिखा हो, लेकिन आसपास के जिलों में डेरा समर्थकों द्वारा की गई तोडफ़ोड़ व आगजनी ने पंजाब की बसों व अन्य वाहनों को ब्रेक लगवा दी है।
लुधियाना(स.ह): पंजाब में छाए डेरा प्रमुख विवाद का लुधियाना में बेशक असर ज्यादा न दिखा हो, लेकिन आसपास के जिलों में डेरा समर्थकों द्वारा की गई तोडफ़ोड़ व आगजनी ने पंजाब की बसों व अन्य वाहनों को ब्रेक लगवा दी है। इस विवाद के कारण पिछले 4 दिन से सरकारी बसों के बंद होने से अब कर्मचारी भी परेशानी झेलने को मजबूर हो गए हैं। आज जब बस स्टैंड का दौरा किया गया तो अक्सर भारी रश वाले बस स्टैंड में कफ्र्यू जैसा नजारा दिखा।
जबकि दूसरे दिन भी बस स्टैंड परिसर को पुलिस ने अपने सुरक्षा घेरे में रखा व किसी को भी अंदर-बाहर आने-जाने नहीं दिया जा रहा, जबकि यात्री अभी भी बसों के चलने संबंधी पूछताछ करके अपना सामान साथ में लेकर घूम रहे हैं। डेरा विवाद का बुरा असर उन ड्राइवरों पर भी पड़ा है जो अन्य राज्यों से बसें लेकर लुधियाना पहुंचे थे, लेकिन माहौल गर्माने के बाद वापस अपने राज्यों को नहीं लौट पाए। अब पिछले 4 दिन से इनका सारा समय ताश कूटने या फिर बस स्टैंड के अंदर ही इधर-उधर घूमकर गुजर रहा है। वहीं कंडक्टर भी खाली समय को उपयोग में लाने के लिए बसों की अच्छी तरह से धुलाई-सफाई करने में जुटे दिखे।
चंडीगढ़ डिपो की सरकारी बस लेकर लुधियाना आए स्वर्ण सिंह ने कहा कि बुरे हालातों ने उनका वापस लौटना मुश्किल कर दिया है। उसके परिवार वाले भी परेशान और बार-बार फोन करके उसका हालचाल पूछ रहे हैं, वहीं एक अन्य ड्राइवर ने कहा कि यहां फंसे होने पर उन्हें सरकार की ओर से कुछ भी खाने-पीने को नहीं दिया जा रहा व खाली दिनों का सारा खर्चा वह खुद उठा रहे हैं। विभागीय सूत्र बताते हैं कि तनाव के बीच अकेले लुधियाना रोडवेज डिपो को ही करीब 17 लाख के राजस्व का नुक्सान हो गया है।