BRTS प्रोजैक्ट ; 93 में से 83 बसें फांक रही धूल

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Jan, 2018 08:24 AM

brts project

बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बी.आर.टी.एस.) प्रोजैक्ट के एक चरण का फरवरी 2015 से निर्धारित समय से काफी देरी के बाद 15 दिसम्बर 2016 को शुभारंभ हुआ था

अमृतसर (रमन): बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बी.आर.टी.एस.) प्रोजैक्ट के एक चरण का फरवरी 2015 से निर्धारित समय से काफी देरी के बाद 15 दिसम्बर 2016 को शुभारंभ हुआ था जिसमें पहले एक कोरीडोर को ही शुरू कर दिया गया था।  पंजाब सरकार द्वारा विधानसभा चुनावों को लेकर आनन-फानन में इस प्रोजैक्ट के पहले चरण का शुभारंभ कर दिया गया था। यह प्रोजैक्ट पूर्व डिप्टी सी.एम. सुखबीर सिंह बादल का ड्रीम प्रोजैक्ट था। पहले चरण में शुरू किए गए इंडिया गेट से लेकर रेलवे स्टेशन-वेरका तक के रूट में चल रही बी.आर.टी.एस. बसों में नैममात्र को ही सवारियां  बैठी होती हैं। 

 

इस प्रोजैक्ट की लागत लगभग 600 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। इसमें 93 बसें चलनी हैं लेकिन अभी तक 10 चली हैं व बाकी 83 बी.आर.टी.एस. बस स्टैंड पर धूल फांक रही हैं। एक वर्ष के भीतर 4 बार इस प्रोजैक्ट को ग्रहण लग चुका है व इसका पहिया रुक गया था। 


कभी डीजल खत्म तो कभी वेतन न मिलने से आई रुकावट
कई बार बसों में डीजल खत्म तो कई बार कर्मचारियों का वेतन न मिलना बड़ा कारण बताया जा रहा है। अधिकारियों की नालायकी की वजह से निर्धारित समय से काफी देरी के बाद इस प्रोजैक्ट का कुछ हिस्सा ही शुरू हुआ था, बाकी का अभी भी लटका हुआ है। 

 

भंडारी पुल ओवरब्रिज देरी का मुख्य कारण
बी.आर.टी.एस. का भंडारी पुल पर बन रहा ओवरब्रिज इस प्रोजैक्ट की देरी बताया जा रहा है जोकि अब पूरा होने को है। बी.आर.टी.एस. प्रोजैक्ट के अधिकारियों का मानना है कि जब तक बस स्टैंड के साथ बी.आर.टी.एस. की बसें नहीं जुड़तीं, तब तक यह प्रोजैक्ट कामयाब नहीं है। भंडारी पुल पर बन रहा ओवर ब्रिज तकरीबन पूरा हो चुका है एवं बस स्टैंड के बाहर लिफ्टें लगनी बाकी हैं जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि मार्च माह में यह प्रोजैक्ट पूरा शुरू हो जाएगा।  


बस स्टॉप मूलभूत सुविधाओं से वंचित 
शहर में बी.आर.टी.एस. के जितने भी बस स्टॉप हैं, वे सभी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं जिससे लोगों को परेशानियों को सामना करना पड़ता है। बस स्टॉप पर न तो बाथरूम है, न पीने का पानी है जिससे वहां पर मौजूद कर्मचारियों को घर से पानी लाना पड़ता है व बाथरूम के लिए आसपास होटल-रैस्टोरैंट में जाना पड़ता है। 

 

31 कि.मी. के कोरीडोर में चलेंगी बसें
31 कि.मी. के कोरीडोर में चलने वाले मैट्रो बस सिस्टम के तहत शहर में 57 बस स्टॉप बनाए जाएंगे। स्टॉप 500-500 मीटर की दूरी पर बनेंगे। विशेष बस स्टॉप पर अंगहीनों के लिए विशेष रैम्प बनाया गया है व व्हीलचेयर का प्रबंध भी है। विश्व स्तरीय ऑडियो-विजुअल यात्री सूचना व किराया प्रणाली के साथ ये बसें शहर को अलग-अलग भागों को आपस में जोड़ेंगी। कैमरों से लैस आधुनिक बसों को एक सैंट्रल रूम द्वारा संचालित किया जाएगा। 

 

ये हैं बी.आर.टी.एस. बसों के रूट

बी.आर.टी.एस. रूट अंतर्राज्यीय बस अड्डा, रेलवे स्टेशन, गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, शिक्षा संस्थाएं, शॉपिंग काम्पलैक्स, वेरका, न्यू अमृतसर व छहर्टा को आपस में जोड़ेगा। पहले चरण में इंडिया गेट से रेलवे स्टेशन के कोरीडोर तक की शुरूआत की जा रही है। दिसम्बर के आखिर तक बाईपास विजय नगर, मॉल रोड, किचलू चौक, रेलवे स्टेशन के कोरीडोर को शुरूकिया जाएगा। जनवरी के आखिर तक वेरका टाऊन व फरवरी के आखिर तक रेलवे स्टेशन भंडारी पुल से अंतर्राष्ट्रीय बस स्टैंड से अटारी गेट कोरीडोर को शुरू किया जाएगा। सरकार का दावा है कि यहां इस प्रोजैक्ट के शुरू होने से यात्रियों के समय की बचत होगी व ट्रैफिक और प्रदूषण से निजात मिलेगी।

 

भंडारी पुल पर बना रहा ब्रिज लगभग पूरा हो चुका है। बस स्टैंड के पास लिफ्ट लगने का काम चल रहा है, उम्मीद है कि मार्च तक सारा काम पूरा हो जाएगा व प्रोजैक्ट पूरा होकर शुरू कर दिया जाएगा। अभी 93 में से 10 बसें ही चल रही हैं व बाकी सभी बस स्टैंड पर खड़ी हैं।                      -हरविंदर सिंह गिल,  आप्रेशन हैड बी.आर.टी.एस. प्रोजैक्ट

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