Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Dec, 2017 10:38 AM
सत्ता में आने से पहले कैप्टन द्वारा नीले कार्ड धारकों से आटा-दाल के साथ चायपत्ती व चीनी देने के वायदे तो किए गए, परंतु कैप्टन सरकार सत्ता में आते ही अपने वायदे भूल गई और तो और उल्टा अब गरीबों को दाल भी नसीब नहीं हो रही।
गिद्दड़बाहा (संध्या): सत्ता में आने से पहले कैप्टन द्वारा नीले कार्ड धारकों से आटा-दाल के साथ चायपत्ती व चीनी देने के वायदे तो किए गए, परंतु कैप्टन सरकार सत्ता में आते ही अपने वायदे भूल गई और तो और उल्टा अब गरीबों को दाल भी नसीब नहीं हो रही।
जानकारी के अनुसार कैप्टन सरकार के सत्ता संभालने के बाद करीब 9 माह से सरकारी डिपुओं व गरीबों को चायपत्ती व चीनी तो दूर की बात अब दालें भी नहीं मिल रहीं। गरीब परिवार चायपत्ती व चीनी को छोड़कर अब सिर्फ दालों की प्राप्ति के लिए डिपुओं के चक्कर काटने को मजबूर हैं। कांग्रेस द्वारा भी सत्ता प्राप्त करने के लिए लोगों को आटा-दाल के साथ चायपत्ती व चीनी देने का लारा लगा दिया गया, परंतु कांग्रेस सरकार द्वारा अपना यह वायदा पूरा नहीं किया जा रहा है। गरीब लोगों ने सरकार को जल्द से जल्द सरकारी डिपुओं पर दालें भेजने की मांग की है।
आटा-दाल योजना के तहत राशन न मिलने के कारण घर में और भी गरीबी छा गई है, जिस कारण बज्जों को स्कूल से पढ़ाने के लिए हटाना पड़ा।
सुनीता यादव
जब नीले कार्ड तहत राशन मिलता था तो घर का गुजारा अच्छा हो रहा था। घर के लोगों की कमाई से बच्चों की पढ़ाई के खर्चे व घरेलू खर्चे चल रहे थे। राशन न मिलने कारण पैसे अब राशन खरीदने में ही खर्च हो रहे हैं।
राधेश्याम यादव।