कैंसर के बाद मालवा क्षेत्र में काला पीलिया ने पसारे पैर

Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 May, 2017 12:57 PM

black jaundice has spread legs in malwa place

मालवा क्षेत्र में जहां जानलेवा बीमारी कैंसर ने अनेक कीमती जिंदगियों को अपनी चपेट में ले लिया है, वहीं काला पीलिया (हैपेटाइट्स-सी) नामी भयानक बीमारी ने क्षेत्र में अपने पैर पसारे लिए हैं, जिस कारण इस.......

श्री मुक्तसर साहिब (तनेजा): मालवा क्षेत्र में जहां जानलेवा बीमारी कैंसर ने अनेक कीमती जिंदगियों को अपनी चपेट में ले लिया है, वहीं काला पीलिया (हैपेटाइट्स-सी) नामी भयानक बीमारी ने क्षेत्र में अपने पैर पसारे लिए हैं, जिस कारण इस बीमारी से पीड़ित मरीजों व उनके परिजनों में भारी भय है। मालवा क्षेत्र की अगर बात करें तो जिला संगरूर के बाद श्री मुक्तसर साहिब में काला पीलिया से प्रभावित मरीजों की गिनती दूसरे नम्बर पर आती है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा राज्य भर में हैपेटाइट्स-सी से पीड़ित मरीजों की गिनती करीब 27 हजार दर्ज की गई है।

उल्लेखनीय है कि पंजाब सरकार द्वारा काला पीलिया को जड़ से खत्म करने के लिए शुरू की गई मुहिम के तहत राज्य भर के जिला अस्पतालों में शुरू किए गए मुफ्त उपचार के अधीन इस बीमारी से ग्रस्त अब तक करीब 2494 मरीज सामने आए हैं, जिनमें अब तक करीब 1400 मरीजों का सफलता पूर्वक उपचार हो चुका है, जबकि करीब 1094 मरीजों का अभी उपचार चल रहा है। जानकारी के अनुसार मुफ्त उपचार की सुविधा से पहले काला पीलिया का उपचार बहुत महंगा था, जिस पर टैस्ट सहित औसतन खर्च लगभग 4 लाख रुपए आता था। इसके चलते इस बीमारी से पीड़ित मध्य वर्गीय व गरीब मरीज अपना उपचार करवाने में असमर्थ थे। गौरतलब है कि अगर समय पर काले पीलिया का उपचार न करवाया जाए तो यह लीवर कैंसर का कारण भी बन सकता है, जिसके चलते मरीजों की परेशानियां और बढ़ जाती हैं।

क्षेत्र के कौन-से गांव हैं प्रभावित
जानकारी के अनुसार ब्लाक चक शेरेवाला के अधीन आते 80 गांवों में से लगभग 15 गांवों के कुछ लोग काला पीलिया से पीड़ित हैं, जिनमें गांव बल्लमगढ़ में करीब 100 मरीज हैं व गांव लंडेरोडे में करीब 30 से 40 मरीज प्रभावित हैं। इसके अलावा गांव खुंडे हलाल, चिबड़वाली, भागसर, रूपाणा आदि गांवों के कुछ लोग इस नामुराद बीमारी से पीड़ित हैं।

कारगर सिद्ध हुई मुख्यमंत्री राहत योजना
पंजाब में काला पीलिया (हैपेटाइट्स-सी) जैसी भयानक बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए निजी अस्पतालों में इसके महंगे उपचार को देखते हुए पूर्व अकाली-भाजपा सरकार द्वारा जून-2016 में मुख्यमंत्री हैपेटाइट्स-सी रिलीफ योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत राज्य के जिला हैड क्वार्टरों पर स्थित सरकारी अस्पतालों में काला पीलिया का मुफ्त उपचार किया जा रहा है।  

मनमाने रेट वसूल रहे हैं निजी लैबोरेटरी संचालक
मरीज में काला पीलिया की बीमारी के लक्षणों का पता लगाने के लिए प्राथमिक तौर पर किए जाते टैस्ट की कीमत निजी तौर पर करीब 3 हजार रुपए वसूली जाती है, जबकि सरकारी अस्पताल की पर्ची पर प्राथमिक टैस्ट 2200 रुपए में किया जाता है।

क्या कहना है पीड़ित परिवारों का
काला पीलिया से पीड़ित गांव खुंडे हलाल के मरीज बलदेव सिंह पुत्र दौलत सिंह ने बताया कि उनके परिवार के 3 सदस्य इस भयानक बीमारी से पीड़ित हैं परंतु प्राथमिक टैस्ट के लिए पैसे न होने के कारण परिवार अपना उपचार करवाने से असमर्थ है। इसी तरह इस बीमारी से पीड़ित दूसरे परिवार मंगा सिंह पुत्र गुलजार सिंह ने बताया कि उन्होंने अपना दूध वाला पशु बेचकर अपना प्राथमिक टैस्ट करवाने के उपरांत उपचार शुरू करवाया।

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