Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 May, 2017 08:53 AM
भारतीय जनता पार्टी जब से पंजाब में सत्ता से बाहर हुई है, पार्टी के नेता अजीब-सी हरकतें करने लगे हैं। सत्ता से बाहर आने के बाद बिना नोटिस के प्रदेश मीडिया सैल के संयोजक जनार्दन शर्मा को पद से हटा दिया गया।
जालंधर (पाहवा): भारतीय जनता पार्टी जब से पंजाब में सत्ता से बाहर हुई है, पार्टी के नेता अजीब-सी हरकतें करने लगे हैं। सत्ता से बाहर आने के बाद बिना नोटिस के प्रदेश मीडिया सैल के संयोजक जनार्दन शर्मा को पद से हटा दिया गया। शर्मा का कसूर इतना था कि उन्होंने पंजाब में भाजपा की हार को लेकर बड़े नेताओं के आगे सवाल करने की हिम्मत की थी। अब इस मामले में एक नया नाम जुड़ गया है अशोक सरीन हिक्की का। हिक्की को पार्टी ने न तो कोई नोटिस निकाला तथा न ही उन पर कोई पार्टी विरोधी गतिविधि का आरोप लगाया। जिला भाजपा अध्यक्ष रमेश शर्मा के मोबाइल नंबर से केवल सोशल मीडिया पर एक संदेश जारी कर दिया कि अशोक सरीन हिक्की नाम के किसी भी व्यक्ति का भाजपा से कोई लेना-देना नहीं है।
यह भी लिखा गया है कि हिक्की के संबंध में मीडिया में कोई खबर लिखे जाने पर उनके नाम के आगे भाजपा नेता न लिखा जाए। भाजपा में यह अपनी तरह का पहला मामला है जब किसी नेता को नोटिस जारी किए बिना या कोई भी जानकारी दिए बिना उसके पार्टी के साथ संबंधों को सिरे से नकार दिया गया है, जबकि हिक्की सरीन भाजपा युवा मोर्चा जिला महासचिव के पद पर काम करते रहे हैं। इस पूरे मामले में यह बात भी साफ हो गई है कि भाजपा में संविधान नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। पार्टी में अब सब अपनी डफली अपना राग बजा रहे हैं और इसी के कारण पार्टी पहले ही पंजाब में विधानसभा चुनावों में 12 से 3 सीटों तक पहुंच गई है।