Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Jul, 2017 01:14 PM
केरल में जहां भाजपा अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए हाथ-पैर मार रही है वहीं पार्टी के नेता एक बड़े घपले में फंस गए हैं। पार्टी ने आनन-फानन में नेता को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। नेता पर 5.60 करोड़ रुपए रिश्वत लेने का आरोप है।
जालंधर(पाहवा): केरल में जहां भाजपा अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए हाथ-पैर मार रही है वहीं पार्टी के नेता एक बड़े घपले में फंस गए हैं। पार्टी ने आनन-फानन में नेता को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। नेता पर 5.60 करोड़ रुपए रिश्वत लेने का आरोप है। वैसे तो भाजपा में जांच बिठाने का कल्चर चलता है, जिसके चलते कई बार मामला शांत करवा दिया जाता है, लेकिन केरल में पार्टी ने दमखम दिखाते हुए अंदरूनी जांच में एक भाजपा नेता आर.एस. विनोद को 5.60 करोड़ रुपए की घूस लेने का दोषी करार दे दिया है, जिसके बाद उसे पार्टी से बाहर कर दिया गया।
क्या है मामला?
केरल में वरकला का एस.आर. एजुकेशनल एंड चैरीटेबल ट्रस्ट एक नया मैडीकल कॉलेज खोलना चाहता था। इसके लिए मैडीकल काऊंसिल ऑफ इंडिया(एम.सी.आई.) की अनुमति की जरूरत होती है। मई 2017 में ट्रस्ट के चेयरमैन आर. शजी एक शिकायत लेकर केरल भाजपा के पास पहुंचे। शिकायत के मुताबिक भाजपा के आर.एस. विनोद ने अनुमति दिलाने के बहाने शजी से 5.60 करोड़ रुपए लिए। विनोद केरल भाजपा में सहकारिता (को-आप्रेटिव) के राज्य संयोजक हैं।
मीडिया में मामला उछलने के बाद केरल भाजपा के अध्यक्ष के. राजशेखरन ने भाजपा के 2 सीनियर नेताओं के.पी. श्रीसन मास्टर और ए.के. नजीर की कमेटी बिठाकर अंदरूनी जांच शुरू करवा दी। इसी कमेटी का कहना है कि आर. एस. विनोद ने घूस लेने की बात मान ली है। विनोद ने ये पैसे लेकर दिल्ली के एक दलाल को कोच्ची के एक हवाला डीलर के जरिए पहुंचाए थे। पूरी डील 17 करोड़ रुपए की थी। कमेटी को दिए शजी के बयान के मुताबिक विनोद का दावा था कि वह कई मैडीकल कॉलेजों को इस तरह अनुमति दिला चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार विनोद ने घूस लेने की बात तो मान ली है, लेकिन साथ में जोड़ा कि यह उनका निजी बिजनैस है, जिसका पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है। रिपोर्ट में केरल भाजपा के महासचिव एम. टी. रमेश का नाम भी लिया गया है लेकिन रमेश खुद को निर्दोष बता रहे हैं।