Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Jun, 2017 05:01 PM
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह तथा वित्त मंत्री मनप्रीत बादल के राज्य का खजाना खाली होने के दावों को खारिज करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि
जालंधरः पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह तथा वित्त मंत्री मनप्रीत बादल के राज्य का खजाना खाली होने के दावों को खारिज करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि राज्य के खजाने में अगर पैसा नहीं है तो सरकार को यह बताना चाहिए कि पिछले एक सप्ताह से राज्य के सभी अखबारों में विज्ञापन का खर्च कौन उठा रहा है क्योंकि उनके काम उनकी बातों का खंडन कर रहा है ।
कैप्टन और मनप्रीत आधा सच बोल रहे हैं
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मनोरंजन कालिया ने मीडिया से बातचीत में कहा, कैप्टन और मनप्रीत बादल केवल आधा सच बोल रहे हैं जो बेहद खतरनाक है उन्हें आवाम के समक्ष पूरा सच लाना चाहिए । कालिया ने कहा, पिछली सरकार के दौरान दस साल तक सभी काम काज सुचारू रूप से होते रहे और नर्इ सरकार के आने के बाद अचानक खजाना खाली होने का दावा किया जा रहा है जो किसी प्रकार से तर्कसंगत नहीं है । अगर खजाना खाली है तो कैप्टन सरकार यह बताये कि किसानो का 2 लाख तक का कर्ज माफ करने के लिए और उनका ब्याज चुकाने के लिए सरकार के पास पैसा कहां से आएगा । उन्होंने यह भी कहा सरकार जो काम कर रही है और जिस तरह से बायानबाजी की जा रही है दोनों एक दूसरे के विरूद्ध है । मैं यह पूछना चाहता हूं कि अगर सरकार के पास पैसे नहीं हैं तो किसानों का कर्ज कहां से माफ किया गया है पिछले एक सप्ताह से अखबारों में करोडों का विज्ञापन कहां से दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री तथा वित्त मंत्री को यह बताना चाहिए कि इन योजनाओं के लिए पैसे कहां से आ रहा है ।
जनता को बेवकूफ बनाने की कोशिश में सरकार
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता रजत कुमार मोहिंद्रू ने कहा कि यह सब सरकार को स्पष्ट करना चाहिए क्योंकि देश की जनता जानना चाहती है कि अगर खजाना खाली है और बेतन देने के लिए भी पैसे नहीं हैं तो विज्ञापन के लिए पैसे कहां से आ रहे हैं । रजत ने कहा, मेरे समझ में नहीं आता है कि राज्य सरकार किसको बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रही है। उन्हें यह लगता है कि जनता बेवकूफ है और जो वह कह देंगे उसे आवाम मान लेगी । भाजपा नेताओं ने कहा कि सरकार और मुख्यमंत्री तथा उनके अन्य मंत्रियों को आधा सच बोलने तथा विज्ञापन पर आवाम के टैक्स का करोडों रुपया खर्च करने की बजाए उन्हीं पैसों को किसी अन्य योजना पर खर्च करने के बारे में सोचना चाहिए और उस पर अमल करना चाहिए ।