Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Sep, 2017 07:14 AM
जिले की तमाम नगर कौंसिलों व नगर पंचायतों की हदों में बिना चेंज लैंड यूज (सी.एल.यू.) के ही व्यापारिक व कमर्शियल बिल्डिंगों के नक्शे पास किए जा रहे हैं। ऐसा खेल पिछले लंबे समय से अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहा है। बिना सी...........
जालंधर(रविंदर शर्मा) : जिले की तमाम नगर कौंसिलों व नगर पंचायतों की हदों में बिना चेंज लैंड यूज (सी.एल.यू.) के ही व्यापारिक व कमर्शियल बिल्डिंगों के नक्शे पास किए जा रहे हैं। ऐसा खेल पिछले लंबे समय से अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहा है। बिना सी.एल.यू. के ही नक्शे पास करने के खेल में अधिकारियों ने जहां खुद करोड़ों के वारे-न्यारे किए हैं, वहीं सरकार को भी लाखों-करोड़ों की चपत लगाई है। पूरा मामला सामने आने पर डिप्टी डायरैक्टर लोकल बाडी ने सभी नगर कौंसिल के ई.ओ., निगम इंजीनियरों, नगर कौंसिल व नगर पंचायतों को चेताया है और कहा है कि भविष्य में भी यह खेल न रुका तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
गौर हो कि किसी भी बिल्डिंग को रिहायशी इलाके में कमर्शियल में तबदील करने से पहले सी.एल.यू. जरूरी होता है। शहर की हदों में जहां काफी हद तक इसका पालन हो रहा है, वहीं नगर कौंसिल व नगर पंचायतों की हद में जमकर घोटाला किया जा रहा है। अधिकारियों की मिलीभगत से इस खेल को अंजाम दिया जा रहा है। रिजनल डिप्टी डायरैक्टर लोकल बाडी ने चिट्ठी जारी कर सभी ई.ओ., निगम इंजीनियर, नगर कौंसिल व नगर पंचायतों को वाॄनग दी है कि ऐसी शिकायतें लगातार पिछले काफी समय से आ रही हैं। इस संबंध में अधिकारियों को मासिक बैठक में भी वाॄनग दी गई थी, मगर इस पर कोई अमल नहीं हुआ था।
अब डिप्टी डायरैक्टर ने साफ कर दिया है कि अगर रजिस्ट्री या सेल डीड कमर्शियल है या शहर का मास्टर प्लान नहीं बना है तो भी सी.एल.यू. किया जाना चाहिए। ऐसा न कर सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाया जा रहा है। चिट्ठी में यह भी कहा गया है कि भविष्य में किसी भी तरह की कमर्शियल बिल्डिंग बिना सी.एल.यू. के सामने आई तो अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।