Edited By Updated: 20 Apr, 2017 01:03 PM
से तो डाक्टर्ज तथा स्वास्थ्य विशेषज्ञ लोगों को स्वास्थ्य की तंदरुस्ती के लिए फल और हरी सब्जियां खाने को कहते हैं परन्तु तब क्या किया जाए जब वही फल-सब्जियां लोगों के लिए घातक सिद्ध हो जाएं।
बटाला (सैंडी): वैसे तो डाक्टर्ज तथा स्वास्थ्य विशेषज्ञ लोगों को स्वास्थ्य की तंदरुस्ती के लिए फल और हरी सब्जियां खाने को कहते हैं परन्तु तब क्या किया जाए जब वही फल-सब्जियां लोगों के लिए घातक सिद्ध हो जाएं। आजकल बाजारों में धड़ाधड़ मिलावटी पदार्थों की बिक्री हो रही है। इसके अतिरिक्त फलों तथा सब्जियों को रसायनों से पकाकर बाजारों में बेचा जा रहा है, जिन्हें खाने से लोगों को कैंसर जैसी भयानक बीमारियों का शिकार होना पड़ रहा है। दूसरी तरफ जिला प्रशासन उक्त फलों एवं सब्जियों पर पाबंदी लगाने में नाकाम साबित हुआ है।
शहर में कैल्शियम कार्बोहाइडे्रट से तैयार किए गए फल रेहडियों व दुकानों पर आम बिक रहे हैं। उक्त रसायन का इस्तेमाल कुछ दुकानदार फलों को चमकीला व पकाने के लिए करते हैं। बाहर से तो फल देखने में पूरा पका हुआ लगता है पर अंदर से कच्चा होता है। पंजाब केसरी की टीम द्वारा जब शहर की विभिन्न दुकानों व रेहडिय़ों का दौरा किया गया तो देखा कि केला, सेब, आम, पपीता आदि फलों को पकाने में कैल्शियम कार्बोहाइडे्रट का प्रभाव प्रत्यक्ष नजर आ रहा था।जब एक दुकानदार के पास गए तो केला जिसका रंग बाहर से ठीक था पर छीलने पर देखा कि वह अंदर से कच्चा था और उसका स्वाद भी अलग था।
कुछ दुकानदारों ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि जिन फलों की डिमांड ज्यादा होती है उनको रासायनिक पदार्थों का इस्तेमाल करके पकाया जाता है। इस संबंधी सेहत माहिरों ने बताया कि कैल्शियम कार्बोहाइडे्रट के साथ पके फल खाने से शरीर पर अनेकों हानिकारक प्रभाव हो सकते हैं जिससे व्यक्ति को सिर दर्द, मिर्गी, कैंसर, चक्कर आने, मानसिक परेशानी, याददाश्त का कम होना, दिमागी सोज आदि रोग लग सकते हैं।