Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Dec, 2017 08:54 AM
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह इस सीट से सांसद रहे हैं और इस सीट पर हुए उप-चुनाव में भी कांग्रेस ही जीती है।
अमृतसरःपंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह इस सीट से सांसद रहे हैं और इस सीट पर हुए उप-चुनाव में भी कांग्रेस ही जीती है। पंजाब केसरी के संवाददाता नरेश कुमार बता रहे हैं कि इस सीट पर लगातार 2 हार के बाद कैसे भाजपा में अमृतसर से भावी उम्मीदवार को लेकर ङ्क्षचता है और पार्टी को यहां नवजोत सिंह सिद्धू से ज्यादा विश्वसनीय चेहरा ढूंढने के लाले पड़े हुए हैं।
अमृतसर लोकसभा सीट ऐतिहासिक रूप से कांग्रेस के प्रभाव वाली सीट रही है। 1951 के बाद हुए लोकसभा चुनावों में इस सीट पर 17 चुनावों में 10 बार कांग्रेस जीती है। 4 बार यह सीट भाजपा के कब्जे में रही है। एक बार भारतीय जनसंघ और एक बार भारतीय लोकदल ने इस सीट पर कब्जा किया है जबकि एक बार इस सीट पर आजाद उम्मीदवार कृपाल सिंह जीते थे। 2004 के बाद यह सीट भाजपा के प्रभाव वाली सीट बन गई थी क्योंकि नवजोत सिंह सिद्धू को पार्टी में शामिल किए जाने के बाद भाजपा ने 2004 के आम चुनाव के साथ-साथ 2007 के उप चुनाव और 2009 के आम चुनाव में भी यह सीट जीत ली थी। नवजोत सिंह सिद्धू 2009 में पार्टी का अकेला ऐसा चेहरा थे जिन्होंने कांग्रेस की आंधी के बीच इस क्षेत्र में अपनी सीट बचाई थी लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में उनको किनारे किए जाने के बाद पार्टी को यहां पर योग्य चेहरे के लाले पड़ गए हैं। नवजोत सिंह सिद्धू की जगह मैदान में उतारे गए पार्टी के वरिष्ठ नेता व सिद्धू के सियासी गुरु अरुण जेतली को कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने 1,02,770 मतों से हरा दिया।
जेतली की हार ऐसे वक्त में हुई जब पूरे देश में भाजपा की आंधी थी और पहली बार भाजपा ने अपने दम पर 282 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की लेकिन जेतली जैसे बड़े चेहरे को अमृतसर में बड़ी हार का मुंह देखना पड़ा।
जेतली को इस सीट पर 3,80,106 वोट मिले, जबकि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने 4,82,876 वोट हासिल किए। इस हार के बाद भाजपा को यहां पर अच्छी साख वाले उम्मीदवार के लाले पड़े हुए हैं और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की यह खोज किस चेहरे पर आकर पूरी होगी यह देखने वाली बात होगी।
उप-चुनाव में भी जीती कांग्रेस
विधानसभा चुनाव के साथ हुए अमृतसर लोकसभा सीट के उप-चुनाव में भी कांग्रेस ने इस सीट पर अपना डंका बजाया और इस सीट के तहत आती 9 विधानसभा सीटों में से 8 पर जबरदस्त जीत हासिल कर ली। पार्टी के उम्मीदवार गुरजीत सिंह ओजला को उप-चुनाव में 5,08,153 वोट मिले जो कैप्टन को मिले 4,82,876 वोट के मुकाबले 25,277 वोट ज्यादा हैं। इस दौरान भाजपा के उम्मीदवार रजिन्द्र मोहन सिंह छीना को 3,08,964 वोट मिले जो 2014 में अरुण जेतली को मिले 3,80,106 वोट के मुकाबले 71,142 वोट कम हैं। इसका मतलब है कि भाजपा की इस सीट पर पकड़ पिछले 3 सालों में कम हुई है। इतना ही नहीं हाल ही में हुए नगर निगम व नगर कौंसिल के चुनावों में भी अमृतसर में कांग्रेस ने डंका बजाया है और यहां की अधिकतर सीटें कांग्रेस के पक्ष में रहीं।
संसद में निष्क्रिय रहे कैप्टन
पंजाब के मुख्यमंत्री बनने से पहले कैप्टन अमरेन्द्र सिंह अमृतसर से लोकसभा के सदस्य थे लेकिन संसद में उनकी सक्रियता न के बराबर रही। संसद में कैप्टन ने 10 सत्रों में महज 6 फीसदी हाजिरी लगवाई और 4 बहसों में हिस्सा लिया। कैप्टन ने इस दौरान सिर्फ 18 सवाल पूछे। हालांकि इस बीच कैप्टन का कार्यालय सक्रिय रहा और सांसद के तौर पर उन्हें मिलने वाले फंड का इस्तेमाल अमृतसर के विकास के लिए बखूबी किया गया।
अमृतसर सीट कांग्रेस के वोट भाजपा के वोट ‘आप’ के वोट
विधानसभा सीट 2014 2017 2014 2017 2014 2017
अजनाला 49,200 66,650 48,884 33,960 4,643 14,485
राजासांसी 46,953 61,754 62,575 48,532 3,963 14,133
मजीठा 39,550 43,000 60,201 59,507 5,742 13,180
अमृतसर (नार्थ) 63,393 63,906 44,667 37,467 13,042 12,939
अमृतसर (वैस्ट) 65,042 56,056 28,085 25,051 13,739 21,737
अमृतसर(सैंट्रल) 52757 49,667 33,761 29,276 7,059 8,571
अमृतसर (ईस्ट) 60,058 57,781 27,860 49,848 11,857 16,791
अमृतसर (साऊथ) 50,306 49,072 28,409 15,515 14,583 25,148
अटारी 55,595 59,877 45,655 39,580 7,988 22,644
संसद में ऐसे रही कैप्टन की हाजिरी
पहला सत्र 33 '
दूसरा सत्र 19 '
तीसरा सत्र 00 '
चौथा सत्र 06 '
पांचवां सत्र 00 '
छठा सत्र 00 '
सातवां सत्र 06 '
आठवां सत्र 00 '
नौवां सत्र 05 '
दसवां सत्र 00 '
अमृतसर को मिले फंड का ब्यौरा
कुल जारी फंड 17.50 करोड़
ब्याज सहित फंड 18.97 करोड़
खर्च हुआ फंड 14.90 करोड़
बचा हुआ फंड 4.07 करोड़
कुल फंड इस्तेमाल 85.17 '
संसद में कैप्टन अमरेन्द्र
हाजिरी 6 '
बहस में हिस्सा लिया 4
सवाल पूछे 18
संसद में गुरजीत ओजला
हाजिरी 95'
बहस में हिस्सा लिया 06
सवाल पूछे 10
बजट सैशन में हाजिरी 100'
मानसून सैशन में हाजिरी 95'