Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jun, 2017 10:52 AM
पंजाब भर से अमृतधारी बीबियों के प्रतिनिधिमंडल ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी गुरबचन सिंह के साथ मुलाकात की।
अमृतसर(ममता): पंजाब भर से अमृतधारी बीबियों के प्रतिनिधिमंडल ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी गुरबचन सिंह के साथ मुलाकात की। बीबियों के इस प्रतिनिधिमंडल ने जत्थेदार को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की कि उनको धार्मिक रीति रिवाजों में शामिल होने का हक तो हासिल है, परंतु अमृत संचार में भाग क्यों नहीं लेने दिया जाता।
जत्थेदार को सौंपे ज्ञापन में बीबियों ने कहा कि दुनिया भर के धर्मों में से सब से नवीन धर्म सिख धर्म में स्त्रियों को समानता का दर्जा प्राप्त है। सिख धर्म में स्त्री जाति को जो सम्मान हासिल है, वह किसी और धर्म में नहीं है। सिखों का इतिहास गुरुकाल से लेकर अब तक स्त्री जाति के योगदान के साथ भरा पड़ा है। सेवा से लेकर मैदान-ए-जंग तक महिलाओं के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। समाजसेवा के क्षेत्र में भी बीबियों का योगदान अहम रहा। बीबियों को पांच प्यारों की तरह अमृत संचार में भाग न लेने देना उनके साथ धक्का है।
श्री अकाल तख्त साहिब से जारी पंथ प्रवानित सिख रहत मर्यादा में भी बीबियों को पांच प्यारों की सेवा में लगने की आज्ञा दी है, परंतु इस बात पर अमल नहीं हो सका। सिख रहत मर्यादा जो शिरोमणि कमेटी की ओर से प्रकाशित हुई है उसमें भी बीबियों को अमृत संचार की आज्ञा है। इस करके अमृतधारी बीबियोंं द्वारा अमृत संचार करने की सेवा अकाल तख्त साहिब से शुरू कर देनी चाहिए और पूरे संसार में इसको प्रचलित करना चाहिए। इसके साथ अमृतधारी सिखों की संख्या बढ़ेगी, जिस घर की बीबी अमृतधारी बनकर सिख धर्म के साथ जुड़ी होगी उस घर में पतितपन, नशे, भ्रूण हत्या जैसी बुराइयां नहीं आ सकेंगी।