Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Nov, 2017 11:31 PM
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने जी.एस.टी. की बकाया पेमैंट का मामला केंद्र सरकार के सामने उठाने का फैसला किया है जिस कारण राज्य में वित्तीय समस्याएं बढ़ रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा केंद्रीय वित्त...
जालंधर(धवन): पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने जी.एस.टी. की बकाया पेमैंट का मामला केंद्र सरकार के सामने उठाने का फैसला किया है जिस कारण राज्य में वित्तीय समस्याएं बढ़ रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेतली को इस संबंध में पत्र भेज रहे हैंं ताकि केंद्र सरकार जी.एस.टी. की बनती राज्य मुआवजा राशि का 1464 करोड़ रुपया तुरंत जारी कर सके। इसी तरह केंद्र द्वारा एकत्रित आई.जी.एस.टी. में से राज्य का हिस्सा भी केंद्र ने जारी करना है। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में बुधवार को अपने कैबिनेट साथियों को भी सूचित किया है कि वह जल्द ही प्रधानमंत्री व केंद्रीय वित्त मंत्री जेतली से मिलने की कोशिश करेंगे।
मुख्यमंत्री ने राज्य के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल द्वारा सरकारी कर्मचारियों को वेतन भुगतान में हो रही देरी पर उनके साथ सहमति जताते हुए कहा कि जी.एस.टी. का बकाया केंद्र से न मिलने के कारण पंजाब के सामने वित्तीय संकट गंभीर हो गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र को राज्यों के प्रति अपने फर्ज को निभाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने फायर ब्रिगेड विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार लाने के लिए फायर कर्मचारियों की वर्दी के लिए तुरंत फंड रिलीज करने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने आज सिद्धू के साथ फायर कर्मचारियों को बीमा कवर देने के तरीके संबंधी भी बातचीत की।
मुख्यमंत्री मंगलवार को ही लुधियाना में उस ध्वस्त इमारत का अध्ययन करके आए थे जो अग्निकांड में नष्ट हो गई थी। इसमें कई फायर कर्मचारियों की मौत भी हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने यह देखा कि राहत कार्यों में काम कर रहे फायर कर्मचारियों के पास न तो अच्छे दस्ताने थे और न ही अन्य सुविधाएं थीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि फायर कर्मचारी अपने जीवन को संकट में डालकर काम करते हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व अकाली सरकार न तो विभाग को उपकरणों की खरीद के लिए 13 करोड़ की राशि जारी कर सकी और न ही उसने विभाग को अपग्रेड करने हेतु 90 करोड़ रुपए का बजट मंजूर किया।