Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Jan, 2018 10:21 PM
: नगर निगम चुनावों के लिए वार्ड बंदी का नोटीफिकेशन जारी होने के तुरंत बाद अकाली दल भी एकाएक सक्रिय हो गया है। इसके तहत सुखबीर बादल ने शनिवार को चंडीगढ़ में पार्टी के नेताओं की बुलाकर चुनावों संबंधी मंथन किया। इस दौरान जहां उन्होंने वर्करों ...
लुधियाना(हितेश): नगर निगम चुनावों के लिए वार्ड बंदी का नोटीफिकेशन जारी होने के तुरंत बाद अकाली दल भी एकाएक सक्रिय हो गया है। इसके तहत सुखबीर बादल ने शनिवार को चंडीगढ़ में पार्टी के नेताओं की बुलाकर चुनावों संबंधी मंथन किया। इस दौरान जहां उन्होंने वर्करों को डटकर चुनाव लडऩे का आह्वान किया और साथ ही यह भी साफ कर दिया कि 40 फीसदी नए चेहरों को टिकटें दी जाएंगी। जिसके लिए वैसे तो पहले से 20 वार्ड बढऩे का हवाला दिया जा रहा है। लेकिन भाजपा के साथ गठबंधन के चलते उनमें से अकाली दल को 10 वार्ड ही ज्यादा मिलने हैं।
इसका अनुपात 40 फीसदी नहीं बनता, ऐसे में कमजोर जनाधार व पब्लिक की विरोधता के दायरे में आते कई पूर्व पार्षदों की छुट्टी होने को लेकर चर्चा तेज हो गई है। इसके संकेत इस बात से भी मिलते हैं कि अकाली दल ने भाजपा की तरह टिकटों के लिए आवेदन लेने की जगह अपने तौर पर जुटाए जाने वाले फीडबैक के आधार पर फैसला लेने का ऐलान किया है।
4 आला नेताओं की बनाई स्क्रीनिंग कमेटी
नगर निगम चुनावों के लिए टिकटों का बंटवारा करने के लिए अकाली दल ने 4 आला नेताओं की स्क्रीनिंग कमेटी बना दी है। इसमें राज्यसभा एम.पी. बलविन्द्र सिंह भूंदड़, पूर्व मंत्री सिकंदर सिंह मलूका, दलजीत चीमा व शरणजीत ढिल्लों शामिल किए गए हैं। इनके द्वारा जल्द ही लुधियाना आकर वर्करों व लीडरों के साथ मीटिंग करके अगली रणनीति बनाई जाएगी। इसके अलावा नगर निगम चुनावों के लिए बनने वाले अकाली दल के आफिस की जिम्मेदारी पूर्व मंत्री महेशइंद्र ग्रेवाल व जीवन धवन को सौंपी गई है।
सुखबीर व भाजपा अध्यक्ष की मीटिंग में होगा वार्डों की बंटवारा
वैसे तो अकाली-भाजपा द्वारा आपस में आधे-आधे वार्डों का बंटवारा करके चुनाव लडऩे का फैसला हो चुका है। लेकिन अभी यह तय होना बाकी है कि कौन-कौन से वार्ड पर किस पार्टी का उम्मीदवार खड़ा होगा। इस बारे में सुखबीर ने लोकल लीडरशिप को रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा है। इसके आधार पर सुखबीर द्वारा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के साथ मीटिंग करके फैसला किया जाएगा।
सुखबीर बादल ने आदेश दिए हैं कि 40 फीसदी नए चेहरों के रूप में मैदान में जरूर उतारा जाए। इसमें भले ही कोई टिकट न भी मांगे, लेकिन जिन युवाओं में एनर्जी है। उनको चुनाव लड़वाया जाएगा। - रंजीत ढिल्लों, अकाली दल प्रधान