Edited By Updated: 02 May, 2017 09:16 AM
सांसद विनोद खन्ना के निधन के चलते खाली हुई गुरदासपुर लोकसभा सीट के लिए सभी प्रमुख दलों को नए चेहरों की तलाश रहेगी।
चंडीगढ़ः सांसद विनोद खन्ना के निधन के चलते खाली हुई गुरदासपुर लोकसभा सीट के लिए सभी प्रमुख दलों को नए चेहरों की तलाश रहेगी। हालांकि अभी इस उपचुनाव संबंधी कोई आधिकारिक सूचना चुनाव आयोग ने जारी नहीं की है लेकिन माना जा रहा है कि अगस्त-सितंबर में इस हलके का उपचुनाव होगा।
खन्ना के विकल्प के तौर पर भाजपा को इलाके के किसी कद्दावर नेता को यहां उतारना होगा। स्थानीय नेता स्वर्ण सलारिया पहले भी टिकट के लिए जोर-आजमाइश करते रहे हैं। इलाके में न केवल उनकी अच्छी पैठ है बल्कि विधानसभा चुनाव लड़ने वाले कई पार्टी उम्मीदवारों की भी वह मदद करते रहे हैं। हालांकि पार्टी द्वारा एक बार फिर किसी फिल्मी हस्ती को गुरदासपुर से चुनाव लड़ाने से इन्कार नहीं किया जा सकता।
दूसरी ओर कांग्रेस को भी पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी रहे प्रताप सिंह बाजवा की जगह किसी अन्य प्रत्याशी पर दांव खेलना होगा। हालांकि बाजवा 2009 में विनोद खन्ना के मुकाबले इसी सीट पर जीते थे लेकिन अब वह राज्यसभा सदस्य हैं। इसलिए लोकसभा चुनाव के लिए उन्हें पार्टी शायद ही प्रत्याशी बनाए। माना जा रहा है कि पार्टी किसी विधायक को यहां से लोकसभा चुनाव लड़ा सकती है।
ऐसा ही कुछ आम आदमी पार्टी को भी करना पड़ सकता है। पिछले चुनाव में सुच्चा सिंह छोटेपुर ने आप के टिकट पर गुरदासपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन बाद में केजरीवाल और कथित बाहरी नेताओं के पंजाब में दखल का विरोध करने के कारण उन्हें पार्टी से अलग होना पड़ा था। अब उन्होंने अपना पंजाब पार्टी बनाई है, जिसने हाल ही में विधानसभा चुनाव लड़ा था। हालांकि छोटेपुर द्वारा लोकसभा चुनाव लड़ने की संभावना कम ही है।