Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Sep, 2017 10:27 AM
कस्बा हरियाना के करीबी गांव बस्सी बाबू खान के नजदीक झाडियों में सेना के एक जवान की लाश मिली। घटना संबंधी मृतक के पिता नारायण दास ने बताया कि उसका बेटा अमनदीप सिंह (36) भारतीय सेना की यूनिट में लांस नायक के पद पर कूपबाड़ा (जम्मू-कशमीर) में तैनात था...
हरियाना(रत्ती, आनंद): कस्बा हरियाना के करीबी गांव बस्सी बाबू खान के नजदीक झाडियों में सेना के एक जवान की लाश मिली। घटना संबंधी मृतक के पिता नारायण दास ने बताया कि उसका बेटा अमनदीप सिंह (36) भारतीय सेना की यूनिट में लांस नायक के पद पर कूपबाड़ा (जम्मू-कशमीर) में तैनात था । वह 28 अगस्त को एक माह की छुट्टी पर अपने घर आया हुआ था।
\वह मूल रूप से गांव राम टटवाली का रहने वाला था । करीब 6 माह पहले परिवारगांव खानपुर डोगरा कालोनी थाना हरियाना में रहने लगा था। गत सांय करीब 7.30 बजे वह अपने बाइक पर यह कह कर घर से निकला कि अभी आता है, परंतु जब वह वापस घर नहीं पहुंचा तो उसके घरवालों ने उसे खोजना शुरू किया। रात भर उसका पता नहीं चला।
ढोलबाहा रोड पर स्थित बस्सी बाबू खान के करीब झाडियों में किसी लाश के पड़े होने की सूचना उन्हें सुबह मिली । जब परिजनों ने वहां जाकर देखा तो अमनदीप वहां मृत पड़ा था। उसके शरीर पर जगह-जगह पर चोटों, खरोंचों के निशान थे व उसका बाइक उसके पास ही खड़ा था। पुलिस ने लाश को कब्जे में लिया व पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।घटना संबंधी जब थाना हरियाना के एस.एच.ओ. यादविन्द्र सिंह बराड़ से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मौत के सही कारण बारे पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के आने पर ही पता चल सकेगा।
पिता ने जताई हत्या की अशंका
सिविल अस्पताल होशियारपुर में बेटे का शव लेने पहुंचे पिता नारायण दास ने अमनदीप की हत्या होने की आशंका जताई है। नम आंखों से पिता ने बताया कि वह पशु पालन विभाग से दर्जा-4 कर्मी रिटायर्ड है। उनका बड़ा बेटा अमनदीप पिछले 17 सालों से फौज में सेवा निभा रहा था।
गत रात वह अपने बच्चों के साथ खेल रहा था। इसी दौरान उसके बेटे के मोबाइल पर फोन आया और फोन सुनने के बाद उनका बेटा घर वापस जल्द आने की बात कह कर बाइक पर घर से चला गया। कई घंटे जब उनका बेटा घर नहीं पहुंचा तो बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट थाना हरियाना में दर्ज करवाई गई थी।वह किसी तरह का कोई नशा आदि नहीं करता था और उसकी किसी के साथ कोई दुश्मनी भी नहीं थी। 1 माह की छुट्टी खत्म होने को कुछ ही दिन बाकी बचे थे कि मगर फौज में दोबारा देश की सेवा में लगे उसके बेटा पहले ही मौत के आगोश में चला गया।