Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Aug, 2017 11:04 AM
फगवाड़ा के भीड़-भाड़ वाले इलाके मोती बाजार में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब रात को 9 बजे के करीब 70 साल पुरानी इमारत गिर गई और इस घटना में एक बहुत बड़ी त्रासदी होने से टल गई।
फगवाड़ा (मेहता): फगवाड़ा के भीड़-भाड़ वाले इलाके मोती बाजार में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब रात को 9 बजे के करीब 70 साल पुरानी इमारत गिर गई और इस घटना में एक बहुत बड़ी त्रासदी होने से टल गई। बताते चलें कि इस इमारत के साथ ही सांझी रसोई है, जो हाल ही मे शुरू की गई, जहां 10 रुपए की खाने की थाली मिलने के कारण दोपहर के समय बहुत भारी भीड़ रहती है। तकरीबन 250 से 400 लोग यहां रोजाना खाना खाते हैं।
इसके अलावा मुख्य सड़क होने के कारण भी बहुत भीड़ रहती है परन्तु रात होने के कारण सिर्फ मोहल्ला निवासियों के अलावा यहां उस समय कोई नहीं था, जब इमारत का एक हिस्सा पूरी तरह सड़क पर गिरा। हादसा इतना भयानक था कि 6 से 7 फुट ऊंचा मलबे का ढेर लग गया और गली दोनों तरफ से बंद हो गई। दुर्घटना के समय मौजूद मोहल्ला निवासी, आशु जिसने भागकर अपनी जान बचाई, ने बताया कि भागने में कुछ सैकेंड की भी देरी मेरे लिए जानलेवा साबित हो सकती थी या मुझे बुरी तरह घायल कर सकती थी।
वहीं मोहल्ला निवासियों ने बताया कि इमारत की खस्ता हालत बारे कई बार मालिक एस.एस. जैन सभा को बताया गया परन्तु परंतु किराएदार मालिक के आपसी झगड़े के चलते इमारत की कोई मुरम्मत नहीं हो रही थी और न ही प्रशासन ने इस पर कोई सख्त कदम उठाया। किराएदार वेद प्रकाश व उसके पुत्र मोनू, जो कि इस इमारत में 60 साल से आटे की चक्की चला रहे हैं, ने इस घटना के बारे कुछ नहीं बताया। समाचार लिखने तक एस.एस. जैन सभा और प्रशासन की तरफ से कोई भी घटनास्थल पर नहीं पहुंचा था।
इमारत का बाकी हिस्सा भी जर्जर हालत में
इशांत शर्मा, राकेश जैन, राम प्रसाद, राजेश शर्मा व अन्य मोहल्ला निवासियों ने बताया कि इमारत का बाकी हिस्सा भी जर्जर हालत में है जो कभी भी गिर सकता है। वहीं इस इमारत के ढहने के कारण बिजली की तारों को बुरी तरह क्षति पहुंची जिस कारण मोहल्ले के कुछ घरों में अंधेरा छा गया।
नगर निगम ने एक इमारत को किया हुआ था खतरनाक घोषित
नगर निगम ने पिछले सप्ताह ही फगवाड़ा में एक इमारत को खतरनाक घोषित किया था परंतु इस इमारत के बारे प्रशासन ने कुछ क्यों नहीं किया।