Edited By Updated: 20 Feb, 2017 08:51 AM
बी.ओ.पी. जगदीश में फैंसिंग के पार खेती करने वाले किसान की बैलगाड़ी के पहिए में से 5 किलो हैरोइन जब्त किए जाने के बाद अमृतसर सैक्टर की सबसे संवेदनशील बी.ओ.पीज में से एक रीयर कक्कड़ से 7 किलो हैरोइन पकड़े जाने का मामला सामने आते ही एक ........
अमृतसर (नीरज): बी.ओ.पी. जगदीश में फैंसिंग के पार खेती करने वाले किसान की बैलगाड़ी के पहिए में से 5 किलो हैरोइन जब्त किए जाने के बाद अमृतसर सैक्टर की सबसे संवेदनशील बी.ओ.पीज में से एक रीयर कक्कड़ से 7 किलो हैरोइन पकड़े जाने का मामला सामने आते ही एक बार फिर से किसान के वेश में देशद्रोह करने वाले तस्कर चर्चा में आ गए हैं। यह कहा जा सकता है कि बी.एस.एफ. व समाजसेवी संस्थाओं की तरफ से सीमावर्ती इलाके के लोगों को नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने के बावजूद कुछ लोग तस्करों की मदद करने से बाज नहीं आ रहे हैं, ऊपर से बी.ओ.पी. रीयर कक्कड़ में तो गेहूं की खड़ी फसल के साथ-साथ भारत-पाकिस्तान के बीच बहने वाले नाले व ऊंचे-लंबे सरकंडे भी पाकिस्तानी व भारतीय तस्करों के लिए शरणस्थली बने हुए हैं।
अंतर्राष्ट्रीय बार्डर होने के चलते बी.एस.एफ. की भी मजबूरी है कि इन 10-10 फुट ऊंचे सरकंडों की कटाई भी नहीं की जा सकती है, उस पर नाले के पानी को कंट्रोल करना तो नामुमकिन है। बी.एस.एफ. व एन.सी.बी. ने रीयर कक्कड़ बी.ओ.पी. में ज्वाइंट ऑप्रेशन चलाने के बाद यह तो सिद्ध कर दिया है कि सभी एजैंसियां आपस में तालमेल रख रही हैं जो देशहित में है। जानकारी के अनुसार एन.सी.बी. की तरफ से बी.ओ.पी. रीयर कक्कड़ में काम करने वाले किसानों व मजदूरों की भी जांच की जा रही है, क्योंकि फैंसिंग के पार सरकंडों के नीचे दबाई गई 35 करोड़ की हैरोइन की खेप को किसी न किसी ने तो लेने आना ही थी और इसमें सबसे मजबूत व सबसे पहला शक रीयर कक्कड़ में फैंसिंग के पार खेती करने वाले किसानों व मजदूरों पर ही जाता है। एन.सी.बी. के साथ-साथ बी.एस.एफ. भी तार के पार खेती करने वाले किसानों पर पैनी नजर रख रही है और खेती के काम में प्रयोग किए जाने वाले संसाधनों जैसे बैलगाड़ी, ट्रैक्टर व अन्य साधनों की कड़ी चैकिंग की जा रही है।
ऐसे मामले सामने आने के बाद फैंसिंग के पार खेती करने वाले उन मेहनती किसानों को ही लज्जित होना पड़ता है, जो ईमानदारी के साथ अपना खेतीबाड़ी का काम करते हैं और जान जोखिम में डालकर फैंसिंग के पार खेती करने जाते हैं। गेहूं की खड़ी फसल होने के चलते बी.एस.एफ. पहले ही पूरे पंजाब बार्डर पर फैंसिंग के पार खेती करने वाले किसानों पर पैनी नजर रख रही है। बी.ओ.पी. जगदीश में जिस प्रकार से किसान के वेश में काम कर रहे तस्कर करनैल सिंह ने अपनी बैलगाड़ी के साथ लगे रेहड़े के पहिए में 5 पैकेट हैरोइन छुपा दी, वह साबित करता है कि फैंसिंग के पार खेती करने वाले किसानों पर विश्वास नहीं किया जा सकता है।
पाकिस्तान रेंजर्स सरेआम करते हैं तस्करों की मदद
हैरोइन, हथियारों की तस्करी से लेकर आतंकी घुसपैठ तक के मामलों में यह साबित हो चुका है कि पाकिस्तान रेंजर्स व जम्मू-कश्मीर जैसे इलाकों में पाकिस्तानी सेना तस्करों व आतंकवादियों की मदद कर रही है। बी.एस.एफ. जब तस्करों को मार गिराती है तो रेंजर्स उनकी लाश लेने से ही इंकार कर देते हैं। इतना ही नहीं, गोलीबारी के दौरान तस्करों को रेंजर्स कवरिंग फायर भी देते हैं।
हैरोइन तस्करी के साथ आतंकी घुसपैठ का खतरा
पठानकोट व दीनानगर में आतंकवादी हमलों के बाद जहां पंजाब बार्डर पर हैरोइन स्मगलिंग की संभावना तो बनी ही रहती है, वहीं आतंकी घुसपैठ का भी भय बना हुआ है। 2 बार हमला करने के बाद अब पाकिस्तानी आतंकवादी तीसरी बार हमला करने की फिराक में हैं जिसकी सूचना केन्द्रीय गृह मंत्रालय को है इस संभावना तो देखते हुए पूरे पंजाब बार्डर में कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं और बी.एस.एफ. कड़ी चौकसी बरत रही है। अजनाला सैक्टर में 3 पाकिस्तानी घुसपैठियों को मार गिराए जाने व 3 घुसपैठियों की गिरफ्तारी होने के बाद सुरक्षा एजैंसियों का फोकस अजनाला सैक्टर की तरफ भी है। इसी सैक्टर से जुड़ी बी.ओ.पी. से एक किलो हैरोइन भी पकड़ी जा चुकी है।
खास बात यह है कि अजनाला सैक्टर का इलाका बटाला व गुरदासपुर सैक्टर के साथ भी सटा हुआ है, इसलिए सुरक्षा एजैंसियां मानती हैं कि इस सैक्टर के जरिए भी आतंकी घुसपैठ हो सकती है जिस प्रकार से अजनाला सैक्टर में दरिया मंसूर के इलाके में पाकिस्तानी घुसपैठियों के साथ बी.एस.एफ. की मुठभेड़ हुई थी, उससे यही माना जा रहा है कि पाकिस्तानी आतंकवादी फिर से पंजाब को निशाना बनाने की फिराक में है। हाल ही में पठानकोट व गुरदासपुर पुलिस की तरफ से सीमावर्ती इलाकों में बी.एस.एफ.के साथ मिलकर संयुक्त ऑप्रेशन भी चलाया गया है।
गांवों के सरपंचों के अलावा अन्य जन प्रतिनिधियों से भी अपील की जा रही है कि किसी भी संदिग्ध व्यक्ति के नजर आते ही बी.एस.एफ. या पुलिस को सूचना दी जाए। इस कार्रवाई को देखकर कहा जा सकता है कि सुरक्षा एजैंसियां तीसरी बार आतंकी हमला रोकने के लिए पूरा प्रयास कर रही हैं। बी.ओ.पी. रीयर कक्कड़ भी अजनाला व गुरदासपुर सैक्टर की भांति ही अति संवेदनशील है, क्योंकि नालों व सरकंडों के कारण इस इलाके से घुसपैठ भी संभव है।
जेल से भी नैटवर्क चला रहे तस्कर
हैरोइन तस्करी के मामले में यह भी सामने आ चुका है कि तस्कर जेलों में बंद होने के बावजूद जेल से ही अपना नैटवर्क चलाने में सक्षम हैं। जेलों में बार-बार मोबाइल मिलने की घटनाएं साबित कर रही हैं कि पुराने तस्कर सजा काटने के साथ-साथ अपना काम भी कर रहे हैं और जेलों में जैमर न होने का फायदा उठा रहे हैं। इतना ही नहीं, सारी बातें कोडवर्ड में की जाती हैं।
डी.आर.आई. व एंटी स्मगलिंग विंग भी हुआ चौकस
बी.ओ.पी. रीयर कक्कड़ के साथ-साथ अबोहर बार्डर से भी हैरोइन की खेप पकड़े जाने के बाद डी.आर.आई. व एंटी स्मगलिंग विंग भी चौकस हो चुका है और भगौड़े तस्करों की तलाश की जा रही है। नामी तस्कर जो बड़ी-बड़ी खेपें निकालने के बाद अंडरग्राऊंड हो चुके हैं, की तलाश की जा रही है ताकि यदि कोई तस्कर बार्डर से खेप निकालने में कामयाब हो भी जाए तो सिविल एरिया में उसे पकड़ लिया जाए।
सैदपुर के तस्कर बिल्ला पर नहीं कसा जाता शिकंजा
हैरोइन व हथियारों की खेप के साथ तस्करों सोनू व रांझा को रंगे हाथों गिरफ्तार करने के मामलेबहुत कम सामने आते हैं और ऐसे में मामलों में बी.एस.एफ. गहन पूछताछ करती है। इस मामले में भी सोनू व रांझा सिंह ने खुलासा किया था कि वे सैदपुर के तस्कर बिल्ला के लिए काम करते थे और बिल्ला उनको प्रति पैकेट के हिसाब से 20 हजार रुपए देता था। इतना ही नहीं, तस्करों ने बताया था कि बिल्ला के पास उनके जैसे कोरियरों की एक लंबी टीम है, जो भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे अलग-अलग इलाकों से हैरोइन व हथियारों की खेप निकालने का काम करती है, लेकिन सुरक्षा एजैंसियां अभी भी बिल्ला को गिरफ्तार करने में कामयाब नहीं हो सकी हैं।
सीमावर्ती इलाकों के खेत मजदूरों की नहीं होती पुलिस वैरीफिकेशन
फैंसिंग के पार खेती करने वाले कुछ किसान तो हैरोइन तस्करी में लिप्त हैं, वहीं इन किसानों का साथ देने वाले खेती मजदूर भी कम नहीं हैं। किसान सोनू शर्मा के साथ उसके मजदूर रांझा को हैरोइन की खेप के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। इसके बाद बी.एस.एफ. ने किसान के वेश में काम कर रहे तस्कर दिलबाग सिंह व उसके साथी खेत मजदूर को हैरोइन की खेप के साथ उस समय गिरफ्तार किया, जब वे फैंसिंग के पार खेती करने के बाद अपने ट्रैक्टर में हैरोइन की खेप लेकर आ रहा था, लेकिन बी.एस.एफ. ने उसे पकड़ लिया।
इस प्रकार के मामलों में यह भी सामने आ चुका है कि सीमावर्ती इलाकों में काम करने वाले प्रवासी खेत मजदूरों की पुलिस वैरीफिकेशन ही नहीं करवाई जाती है, जबकि जिला पुलिस की तरफ से सख्त आदेश हैं कि घर या खेतीबाड़ी के लिए नौकर रखते समय पुलिस वैरीफिकेशन करवाई जाए, लेकिन इन आदेशों का सरेआम उल्लंघन किया जाता है। बड़ी संख्या में बंगलादेशी खेत मजदूर सीमावर्ती इलाकों में खेतीबाड़ी का काम कर रहे हैं। कुछ मामलों में तो किसानों ने इनको बंधुआ मजदूर की तरह भी रखा हुआ है। इस प्रकार के बंगलादेशी मजदूर पाकिस्तान जाने की फिराक में भी रहते हैं।