Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Jan, 2018 05:06 PM
पंजाब में सरकार ने 2 लाख ऐसे लोगों का पता लगाने में सफलता हासिल की है जिन्हें कल्याणकारी स्कीमों का लाभ नहीं मिल रहा था।
जालन्धर (धवन): पंजाब में सरकार ने 2 लाख ऐसे लोगों का पता लगाने में सफलता हासिल की है जिन्हें कल्याणकारी स्कीमों का लाभ नहीं मिल रहा था। राज्य में हाल ही में करवाए गए सर्वे से पता चला है कि पूर्व शिअद-भाजपा गठबंधन सरकार के कार्यकाल में योग्य व पात्र लोगों के नाम कल्याणकारी स्कीमों से बाहर रखे गए थे। राज्य सरकार ने अब इन 2,05,228 लोगों तक भी कल्याणकारी स्कीमों का लाभ पहुंचाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने इन स्कीमों में और लोगों को शामिल करने बारे अपनी सहमति प्रदान कर दी है। अभी यह नहीं पता चला है कि इन योग्य लोगों को कल्याणकारी स्कीमों से बाहर पूर्व सरकार द्वारा किन कारणों से रखा गया था।
संभवत: कल्याणकारी स्कीमों में लोगों को लाभ उनकी सियासी वफादारी को ध्यान में रख कर दिए जा रहे थे। सत्ता परिवर्तन होने के बाद कांग्रेस सरकार ने कल्याणकारी स्कीमों का लाभ योग्य लोगों तक पहुंचाने का निर्णय लिया जिसके बाद वैरीफिकेशनों व सर्वे का सहारा लिया गया।
अमरेन्द्र सरकार ने उन लोगों की पहचान की है जिन तक कल्याणकारी स्कीमों का लाभ नहीं पहुंच रहा था। वैरीफिकेशन में यह बात भी सामने आई कि कुछ आयोग्य लोगों के नाम भी सूची में शामिल कर दिए गए थे। मुख्यमंत्री ने पदभार संभालते ही ऐसे लोगों के नाम सूची से बाहर करने के निर्देश दिए थे। अब चूंकि वैरीफिकेशन का कार्य पूरा हो चुका है इसलिए अब सरकार योग्य लोगों को 20 कल्याणकारी स्कीमों का लाभ पहुंचाना चाहती है। सरकारी हलकों से पता चला है कि मनरेगा के तहत 53097 योग्य लोगों के नाम लाभार्थियों की सूची में शामिल नहीं हो सके थे।
इसी तरह से आटा-दाल स्कीम के तहत योग्य 32354 लोगों के नाम सूची में शामिल नहीं किए गए थे। सामाजिक कल्याण की स्कीमों जैसे वृद्धावस्था पैंशन, विधवा पैंशन व विकलांग पैंशन में भी योग्य 30968 लोगों के नाम शामिल नहीं किए गए थे। 18945 लोगों के नाम स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत मिलने वाले लाभ की सूची में पूर्व सरकार शामिल नहीं कर सकी थी। इसी तरह से प्रधानमंत्री आवास योजना तथा शगुन स्कीम के तहत भी 7000 से अधिक लोगों के नाम लाभार्थियों की सूची में शामिल नहीं किए गए थे। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने गरीब परिवारों के लोगों को उक्त स्कीमों का लाभ 26 जनवरी से देने के निर्देश जारी कर दिए हैं। सर्वे का कार्य दिसम्बर महीने में ही पूरा हुआ है। देहाती क्षेत्रों में भी महात्मा गांधी सरबत विकास योजना के तहत लाभ लेने वाले गरीब परिवारों के नामों को लेकर भी सर्वे किया गया जिससे पता चला कि कई योग्य लोगों को इसका लाभ नहीं दिया जा रहा है। इन कल्याकारी योजनाओं की मार्फत अमरेन्द्र सरकार ने गरीब लोगों को अपने साथ जोडऩे का अभियान शुरू किया है जिसे मिशन 2019 के साथ जोड़ कर देखा जा रहा है।