Edited By Updated: 27 Mar, 2017 11:28 PM
रेत-बजरी पर गुंडा वसूली पुन: शुरू करवाने के लिए गुंडा तत्वों द्वारा कुछेक लोगों....
पठानकोट(पुनीत,शारदा): रेत-बजरी पर गुंडा वसूली पुन: शुरू करवाने के लिए गुंडा तत्वों द्वारा कुछेक लोगों की मिलीभगत के साथ व्यापारियों पर दबाव बनाया जा रहा है ताकि क्रशर इंडस्ट्री खुद-ब-खुद गुंडा टैक्स भरना शुरू कर दे।
अघोषित आदेशों तक पठानकोट जिले के 300 में से 170 क्रशर यूनिट बंद पड़े हैं जबकि 30 क्रशर यूनिटों के पास कच्चा माल पड़ा है जोकि आने वाले 15 दिनों तक खत्म हो सकता है। क्रशर मालिकों का कहना है कि माइनिंग पर सरकार की नई पॉलिसी न आने से व्यापारी आहत हैं जो इसी इंतजार में बैठे हैं कि सरकार जल्द से जल्द पॉलिसी घोषित कर क्रशर इंडस्ट्री को नया जीवन दे।
‘पंजाब केसरी’ द्वारा गुंडा वसूली पर प्रमुखता से खबर प्रकाशित करने के बाद जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए गुंडा तत्वों को खदेड़ दिया था और उनके बनाए हुए अवैध नाके हटवा दिए थे। पिछले सप्ताह हुई इस कार्रवाई के बाद माइनिंग माफिया के मजबूत पैर हिले जरूर थे लेकिन अभी पूरी तरह से उखड़े नहीं हैं।
सरकार को राजस्व देंगे परन्तु गुंडा टैक्स नहीं: क्रशर मालिक
हरियाल स्टोन क्रशर यूनियन के गगन सिंह गुलेरिया ने कहा कुछ लोग जो क्रशर इंडस्ट्री के माध्यम से माइनिंग माफिया के साथ हैं, वे भ्रम फैला कर उद्यमियों को डरा रहे हैं कि गुंडा टैक्स की पर्ची फिर से लागू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि क्रशर इंडस्ट्री अब सिर्फ और सिर्फ सरकार की पॉलिसी का ही अनुसरण करेगी। गुंडा टैक्स की जगह जो भी राजस्व बन पड़ेगा, वो सरकार के खजाने में जमा करवाने को क्रशर इंडस्ट्री तैयार है लेकिन माइनिंग माफिया को फूटी कौड़ी गुंडा टैक्स के रूप में नहीं अदा करेगी।
उन्होंने कहा कि बेशक क्रशर इंडस्ट्री इस समय बंद हैं इसलिए सरकार को हिमाचल पैटर्न पर लाभदायक पॉलिसी लाने की जरूरत है। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से मांग की है कि पिछले 10 वर्षों दौरान जो गुंडा टैक्स के रूप में हजारों-करोड़ों की उगाही की गई है, उसकी उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए।