Edited By Updated: 22 Oct, 2016 10:19 AM
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा बाघेश्वर के भेटा गांव में दलित सोहन राम (32) को ऊंची जाति के एक व्यक्ति द्वारा आटे की ...
अबोहर(भारद्वाज): उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा बाघेश्वर के भेटा गांव में दलित सोहन राम (32) को ऊंची जाति के एक व्यक्ति द्वारा आटे की चक्की में घुस कर उसे ‘अपवित्र’ करने का आरोप लगाते हुए मार डालने पर उसकी पत्नी मीना से माफी मांगने को प्रशासकीय एवं नैतिक आचरण की उत्तम मिसाल बताते हुए प्रदेश कांग्रेस उप-प्रधान सुनील जाखड़ ने रावत को पत्र लिख कर इसे सराहनीय कदम बताया।
पत्र की एक कॉपी उन्होंने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्षा सोनिया गांधी व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी को भी भेजी है। जाखड़ ने पत्र में लिखा है कि रावत ने तो इस दुखदायी घटना पर माफी मांगी, लेकिन पंजाब, गुजरात व आंध प्रदेश में दलित भाइयों पर ऐसे अनेक अत्याचार हुए हैं। इन प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने पीड़ित परिवारों के पास जाकर संवेदना तक व्यक्त करने का कष्ट नहीं किया। देश भर में पंजाब में सर्वाधिक 32 प्रतिशत दलित जनसंख्या मौजूद हैं, लेकिन पिछले कुछ समय में अकाली-भाजपा सरकार के दौर में दलितों पर अत्याचारों की अनगिणत वारदातें हुई हैं।
यहां उन्हें न्याय दिलाना तो दूर, मुख्यमंत्री या उप-मुख्यमंत्री ने उनके घर जाकर सहानुभूति के दो शब्द तक नहीं कहे। उत्तराखंड की स्थिति के एकदम विपरीत पंजाब में दलितों पर अत्याचार करने वालों, उन्हें बर्बरतापूर्वक मौत के घाट उतारने वालों को सरकारी संरक्षण प्राप्त होता रहा है। काश पंजाब के शासक रावत से कुछ शिक्षा ग्रहण करते हुए अपना नैतिक व प्रशासकीय दायित्व महसूस करते।