Edited By Updated: 01 Jul, 2016 02:32 PM
सरकार से दुखी सरकारी डाक्टरों ने 1 जुलाई को ‘डाक्टर्स डे’ को ‘ब्लैक डे’ के तौर पर मनाने का फैसला किया है।
पटियाला (जोसन) : सरकार से दुखी सरकारी डाक्टरों ने 1 जुलाई को ‘डाक्टर्स डे’ को ‘ब्लैक डे’ के तौर पर मनाने का फैसला किया है। देश के सभी राज्यों से सरकारी डाक्टरों के संगठनों ने एक संयुक्त बैनर आल इंडिया फैडरेशन आफ गवर्नमैंट डाक्टर एसोसिएशन के नीचे इकट्ठे होकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ज्वाइंट कौंसिल आफ सर्वसिज डाक्टर संगठन जिसमें दिल्ली व अन्य केंद्र शासित प्रदेशों के संगठन भी शामिल हैं और फोरडा (फैडरेशन आफ रैजीडैंट डाक्टर एसोसिएशन) के सहयोग से डाक्टरों ने 1 जुलाई को काले बिल्ले लगाकर ड्यूटी करने का फैसला किया है।
डाक्टर सरकार के 7वें पे कमीशन से नाराज हैं, 7वें पे कमीशन में डाक्टरों को दिए जाने वाले एन.पी.ए. भत्ते में कटौती की गई है, यह भत्ता सभी राज्यों में वेतन के 25 प्रतिशत के हिसाब से दिया जाता है। जबकि डाक्टर पहले ही इस भत्ते को 40 प्रतिशत करने के लिए सरकार से मांग कर रहे थे पर इसके उलट 7वें पे कमीशन में इसमें कटौती करने की सिफारिश की गई है। डाक्टरों में इस बात का रोष है कि राज्य सरकारें भी राष्ट्रीय तर्ज के इस भत्ते में कटौती करेंगी। संगठन में पंजाब का प्रतिनिधित्व करते रूरल मैडीकल सर्वसिज एसोसिएशन के अध्यक्ष व राष्ट्रीय संगठन के को-कन्वीनर डा. असलम प्रवेज ने कहा कि पहले ही सरकारी डाक्टरों की संख्या कम होने के कारण और काम ज्यादा होने के कारण डाक्टर अधिक भार झेल रहे हैं।
राष्ट्रीय संगठन के प्रैस सचिव डा. राजेश शर्मा ने बताया कि सभी राज्यों में ही मैडीकल सर्वसिज का घटिया हाल होने का एक बड़ा कारण सरकारी बाबुओं की दखलअंदाजी है। उन्होंने सरकार से इंडियन मैडीकल सर्वसिज बनाने की मांग की ताकि डाक्टरों के साथ होते अन्याय को खत्म किया जा सके।डा. असलम प्रवेज ने बताया कि केंद्रीय सेहत मंत्री जे.पी. नड्डा को दिए मांग पत्र में यह मांग की गई है कि गांव में काम करते डाक्टरों के लिए दिए जाने वाले पोस्ट ग्रैजुएट कोटे में भी अलग-अलग सरकारों द्वारा आनाकानी की जा रही है। पूरे भारत में ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा करके डाक्टरों को पोस्ट ग्रैजुएट कोटे में पहल देने के साथ-साथ रूरल भत्ता कन्वैंशन भत्ता और अन्य भत्ते शहरों में काम करते डाक्टरों से अधिक देने चाहिएं। राष्ट्रीय संगठन द्वारा सरकार को जल्द से जल्द उनकी मांग पर विचार करने की अपील की गई है और जल्द ही इस संबंधी मैमोरैंडम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी भेजा जाएगा।