Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Oct, 2017 03:00 PM
ईराक में साढ़े तीन साल से आई.एस.आई.एस. के चंगुल में बताए जा रहे 39 भारतीयों के परिवारों के डी.एन.ए.टैस्ट की कार्रवाई तो केंद्र सरकार ने शुरू करवा दी है
बटालाः ईराक में साढ़े तीन साल से आई.एस.आई.एस. के चंगुल में बताए जा रहे 39 भारतीयों के परिवारों के डी.एन.ए.टैस्ट की कार्रवाई तो केंद्र सरकार ने शुरू करवा दी है लेकिन बड़ा सवाल ये है कि ये युवक जिंदा हैं भी कि नहीं। सवाल इसलिए खड़ा हुआ क्योंकि इन्हीं युवकों के साथ फंसे गुरदासपुर के युवक हरजीत मसीह ने फिर कहा, सभी युवकों को उसकी आंखों के सामने आतंकियों ने गोली मार दी थी, उसके पांव में गोली लगी थी, किसी तरह बचकर वह भारत लौट आया, इन युवकों का जिंदा होना नामुमकिन है लेकिन उसकी बात पर कोई यकीन नहीं कर रहा।
मसीह ने कहा, केंद्र सरकार कह रही है कि 39 भारतीय जिंदा हैं तो सरकार उन्हें वापस लाए। अगर ऐसा नहीं है तो सरकार युवकों के परिवारों की भावनाओं से न खेले। उधर,केंद्र सरकार इन युवकों के जिंदा होने का दावा करती रही लेकिन आज तक एक सबूत भी पेश नहीं कर सकी। ये सवाल जिन परिवारों के ब्लड सैंपल लिए गए हैं, उनके मन भी उठ रहे हैं।
बता दें, ईराक में बंधक बनाए गए 39 भारतीयों में से 23 पंजाबी हैं। इनमें 3 बटाला और 8 अमृतसर के हैं। उधर मामले को लेकर राजनीति भी गर्मा गई है। कांग्रेस सांसद प्रताप बाजवा ने भी प्रैस कान्फ्रेंस में दो प्वाइंट उठाकर केंद्र सरकार की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा- 20 नवंबर से संसद का सत्र शुरू होने वाला है। वहां इस संबंधी पूछे जाने वाले सवालों से बचने के लिए केन्द्र सरकार डी.एन.ए. टैस्ट करवा रही है। उधर अमृतसर से कांग्रेस विधायक डॉ. राजकुमार वेरका ने भी सवाल उठाते कहा, एक तरफ विदेश मंत्रालय इन सभी के जिंदा होने का दावा कर रहा है और दूसरी तरफ पारिवारिक मैंबरों के डी.एन.ए. टैस्ट के लिए टीमें भेजी गई हैं। अगर वे सभी जिंदा हैं तो फिर साढ़े तीन साल बाद डीएनए टेस्ट करवाने की क्या जरूरत पड़ गई।