Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Feb, 2018 02:34 PM
मोगा शहर में नगर निगम की ओर से कुछ लोगों को किराए पर दी दुकानों को किराएदारों द्वारा आगे अन्य व्यक्तियों को किराए पर देकर जहां म्यूनिसिपल एक्ट की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, वहीं निगम के कुछ किराएदार अपने नाम पर अलाट हुई दुकानों को सबलैट करके मोटी...
मोगा (पवन ग्रोवर): मोगा शहर में नगर निगम की ओर से कुछ लोगों को किराए पर दी दुकानों को किराएदारों द्वारा आगे अन्य व्यक्तियों को किराए पर देकर जहां म्यूनिसिपल एक्ट की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, वहीं निगम के कुछ किराएदार अपने नाम पर अलाट हुई दुकानों को सबलैट करके मोटी कमाई कर रहे हैं। नगर निगम मोगा के पास शहर के अलग-अलग हिस्सों में 479 दुकानें हैं, जो निगम ने अपनी आमदन में इजाफा करने के लिए लोगों को किराए पर दी हुई हैं और इनमें से 141 दुकानें सबलैट की हुई हैं। ऐसे में निगम को लाखों का चूना लगाया जा रहा है। हैरानी की बात है कि निगम प्रशासन इस मामले की जानकारी होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
आर.टी.आई. में हुआ खुलासा
आर.टी.आई. एक्टीविस्ट सुरेश सूद द्वारा नगर निगम मोगा से सूचना का अधिकार एक्ट के तहत मांगी गई जानकारी के अनुसार निगम प्रशासन की 479 दुकानों में से 141 दुकानें आगे सबलैट की हुई हैं। नगर निगम की ओर से सर्वे करने उपरांत चाहे यह सूचना 11 सितम्बर, 2015 को जारी की गई थी, लेकिन अढ़ाई साल का वक्त बीतने के बावजूद निगम ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की।
वसूला जा रहा मोटा किराया
सूत्रों के अनुसार नगर निगम की ओर से अलग-अलग इलाके में पड़ी दुकानों को तयशुदा किराए पर दिया गया है, जबकि सबलैट करने वाले व्यक्ति इन दुकानों को आगे किराए पर देकर मोटी कमाई कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि कई दुकानदारों ने अपने नाम पर अलाट हुई दुकानों को लाखों रुपए पगड़ी वसूलकर आगे दिया हुआ है।
दुकानदार से लिया जाता है हलफनामा
निगम की ओर से कोई भी दुकान किसी व्यक्ति को किराए पर देने से पहले उससे हलफनामा लिया जाता है, जिसमें दुकानदार यह लिखित तौर पर कहता है कि निगम की दुकान को वह आगे से किराए पर नहीं देगा। यही नहीं म्यूनिसिपल एक्ट अनुसार कोई भी व्यक्ति यदि दुकान आगे किराए पर देता है तो निगम प्रशासन तुरंत तौर पर उक्त दुकान खाली करवा सकता है।