Edited By Updated: 08 Oct, 2015 10:49 PM
सरकार द्वारा लोगों को बढिय़ा सुविधाएं देने के लिए मुख्यमंत्री पंजाब प्रकाश सिंह बादल तथा उप-मुख्यमंत्री पंजाब सुखबीर सिंह बादल की तर्ज ...
मोगा/निहाल सिंह वाला: सरकार द्वारा लोगों को बढिय़ा सुविधाएं देने के लिए मुख्यमंत्री पंजाब प्रकाश सिंह बादल तथा उप-मुख्यमंत्री पंजाब सुखबीर सिंह बादल की तर्ज पर विधानसभा हलका निहाल सिंह वाला की मौजूदा अकाली विधायक बीबी राजविंदर कौर भागीके द्वारा मंडी निहाल सिंह वाला में लोगों की समस्याएं सुनने व उनका निपटारा करने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों के साथ रखे संगत दर्शन समागम में उस समय ‘‘रंग में भंग’’ पड़ गया जब विधायक के गांव भागीके से संबंधित मौजूदा सरपंच के पति रंजीत सिंह भागीके तथा उसके पिता मुख्तयार सिंह भागीके ने हलका विधायक पर कथित तौर पर गैर कानूनी ढंग से पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों से पैसे बटोरने के आरोप लगा दिए। इन हालातों में संगत दर्शन दौरान एकदम हड़कम्प मच गया जिसके चलते पुलिस अधिकारियों ने दोनों बाप-बेटों को संगत दर्शन से बाहर निकाल दिया।
उक्त दोनों व्यक्ति शिरोमणि अकाली दल से संबंधित होने के साथ-साथ विधायक बीबी भागीके के गुट से भी संबंधित होने की चर्चा में हैं। प्रशासन, पुलिस, पत्रकारों तथा आम लोगों की हाजिरी में विधायक के सामने रंजीत सिंह भागीके तथा उसके पिता मुख्तयार सिंह भागीके ने आरोप लगाया कि निहाल सिंह वाला हलके के अंदर मौजूदा विधायक द्वारा पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति करवाने के लिए कथित तौर पर महीना वसूली की जाती है। उन्होंने पुलिस की उपस्थिति में ये भी आरोप लगाए कि विधायक द्वारा थानों के प्रभारियों तथा अन्य आसामियों पर अपनी मनमर्जी के अधिकारी लगवाने के लिए कथित तौर पर मोटी राशि वसूल की जाती है।
उन्होंने हलका विधायक के पी.ए. पर भी कथित तौर पर नाजायज राशि एकत्रित करने के आरोप लगाए। इसी दौरान ही दोनों बाप-बेटों ने विधायक की उपस्थिति में चेतावनी दी कि वे आने वाले समय में पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारियों से की जाती उगराही संबंधी अहम खुलासे करेंगे। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों निहाल सिंह वाला की पुलिस द्वारा मंडी के कुछ दुकानदारों से कथित तौर पर 5 लाख रुपए रिश्वत लेने का मामला भी उन्होंने विधायक के समक्ष उठाया था। परंतु विधायक ने उनकी मदद करने की बजाए यह कहकर पल्ला झाड़ दिया कि ‘‘पुलस ता कम करवाउन दे पैसे लैंदी ही ए’’।
उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस के खिलाफ की कार्रवाई तथा पुलिस द्वारा ली गई कथित रिश्वत वापस करने की कशमकश में ही उनकी गाड़ी के विरुद्ध रेत चोरी करने का मामला दर्ज करवाया गया, जबकि उनके पास रेत की सरकारी पर्ची थी।