दलितों के लिए बनाई स्किल इंडिया पर बैंस ने किया बड़ा खुलासा

Edited By Updated: 02 Mar, 2016 10:26 AM

skill india

केन्द्र सरकार की तरफ से 1980 में उत्तर भारत के नौजवानों का भविष्य संवारने के लिए करोड़ों की लागत से खड़ा किया गया

लुधियाना: केन्द्र सरकार की तरफ से 1980 में उत्तर भारत के नौजवानों का भविष्य संवारने के लिए करोड़ों की लागत से खड़ा किया गया सैंट्रल टूल रूम (सी.टी.आर.) नामक संस्थान जो मिनिस्ट्री ऑफ माइक्रो स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजिज के अधीन आता है, में मैनेजमैंट की तरफ से अनुसूचित जाति/जनजाति के दलित शिक्षार्थियों की करोड़ों की ग्रांटों को डकारने के मामले को आजाद विधायकों बैंस भाइयों की टीम इन्साफ ने उजागर किया है। 

टीम इन्साफ ने रोष जाहिर किया कि इससे केन्द्र सरकार की तरफ से शुरू की स्किल इंडिया योजना का रूप बदल कर स्कैम इंडिया बन गया है। आजाद विधायक सिमरजीत सिंह बैंस व सरप्रस्त विधायक बलविन्द्र सिंह बैंस ने इसका खुलासा करते हुए इसके लिए आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए प्रधानमंत्री और सी.बी.आई. के डायरैक्टर को शिकायत भेजकर पूरे मामले की जांच करवाने की मांग की है। 

इस संबंधी सी.टी.आर. के गेट के आगे रखे धरने में बैंस ने कहा कि घोटाले की गुप्त जानकारी मिली थी जिसके चलते उनकी टीम ने केवल जनवरी 2015 से सितम्बर 2015 तक के 9 महीनों के समय की जो जानकारी इकट्ठी की, वह हैरान करने वाली थी। यहां के अधिकारियों ने अनुसूचित जाति/जनजाति के शिक्षाॢथयों को मुफ्त करवाए जाते केवल 2 कोर्सों में ही 3 करोड़ 49 लाख 75 हजार की आई ग्रांटों का घोटाला किया है। 

बैंस ने कहा कि इस संस्था में 43 अलग-अलग प्रकार के कोर्स करवाए जाते हैं जिनके लिए 9 महीनों में कुल 3406 बोगस प्रशिक्षणार्थी दिखाकर 5 करोड़ 7 लाख 88 हजार 500 रुपए की ग्रांट मंगवा ली गई। 

सरकार की 2007 सितम्बर महीने की नोटीफिकेशन अनुसार अनुसूचित जाति/जनजाति के प्रशिक्षणार्थी की फीस केन्द्र सरकार से ग्रांटों के रूप में आती है जबकि जनरल वर्ग के प्रशिक्षणाॢथयों को 25 हजार रुपए फीस देकर यह कोर्स करने पड़ते हैं। यदि हर साल इस गिनती के प्रशिक्षणाॢथयों के हिसाब से ही बात की जाए तो 2007 से लेकर 2016 तक के समय दौरान यह घोटाला 60 करोड़ के लगभग का है। 

उन्होंने बताया कि सी.टी.आर. के मौजूदा मैनेजमैंट अधिकारी पंजाब सहित उत्तरी भारत के अलग-अलग आई.टी.आई. संस्थाओं और अन्य टैक्नीकल अदारों में जाकर आई.टी.आई./मैकेनिकल डिप्लोमा कर रहे एस.सी./एस.टी. प्रशिक्षणाॢथयों की लिस्ट प्राप्त कर लेते हैं और उन्हें यह कहकर कि तुम्हें फ्री कोर्स करवाया जाएगा उनसे फार्म साइन करवाकर डाक्यूमैंट की फोटोकापी प्राप्त कर लेते हैं। इसके बाद अपने कागजों में ट्रेनिंग दी दिखाकर केन्द्र सरकार से 25,000 रुपए प्रति एस.सी./एस.टी. प्रशिक्षणार्थी के हिसाब से करोड़ों रुपए डकार जाते हैं। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!