नगर निगम की लाइट ब्रांच में हुआ घोटाला

Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Feb, 2018 11:35 AM

municipal corporation

नगर निगम की लाइट ब्रांच में एक बड़ा घोटाला सामने आया है जिसके तहत टैंडर लगाने की जगह सेंकशन बनाकर परचेज हो रही है। नगर निगम की लाइट ब्रांच द्वारा पिछले कुछ समय दौरान स्ट्रीट लाइट सिस्टम से जुड़े ऐसे काफी ज्यादा मैटीरियल की खरीद की है जो एक ही...

लुधियाना (हितेश): नगर निगम की लाइट ब्रांच में एक बड़ा घोटाला सामने आया है जिसके तहत टैंडर लगाने की जगह सेंकशन बनाकर परचेज हो रही है। नगर निगम की लाइट ब्रांच द्वारा पिछले कुछ समय दौरान स्ट्रीट लाइट सिस्टम से जुड़े ऐसे काफी ज्यादा मैटीरियल की खरीद की है जो एक ही कैटागरी का था लेकिन उसके लिए इकट्ठे टैंडर लगाने की जगह 2.2 लाख की सेंकशन बनाई गई जिसे लेकर तकनीकी माहिरों का कहना है कि अगर किसी एरिया के लिए एक ही कैटागरी का इकट्ठा मटीरियल लेना है तो अलग-अलग सेंकशन बनाने की जगह टैंडर लगना जरूरी है जिससे लैस मिलने पर नगर निगम को काफी फायदा होता जबकि ऐसा न होने से नगर निगम को नुक्सान पहुंचा है और संबंधित ऑफिसर व ठेकेदार मालामाल हो रहे हैं, क्योंकि एक ही कैटागरी का सामान खरीदने के लिए टैंडर में जितना लैस आता है, उतना सेंकशन के जरिए होने वाली खरीद में हिस्सा लेने वाले ठेकेदारों द्वारा नाममात्र लेस ही डाला जा रहा है।  

चुनावी मौसम में दबाव का दिया जा रहा है हवाला
इस तरह टैंडर लगाने की जगह सेंकशन बनाकर स्ट्रीट लाइट सिस्टम से जुड़े समान की खरीद को लेकर नगर निगम के अधिकारियों द्वारा चुनावी मौसम का हवाला दिया जा रहा है। उनके मुताबिक सत्ताधारी पार्टी के नेता उन पर जल्द मैटीरियल खरीद कर देने का दबाव बना रहे हैं और उसके लिए टैंडर लगाने में काफी समय लगने के मद्देनजर सेंकशन बनाकर परचेज की जा रही है लेकिन इस चक्कर में नियमों का उल्लंघन होने बारे नगर निगम ऑफिसर के पास कोई जवाब नहीं है।

फर्जी दस्तावेजों का लिया जा रहा सहारा
नगर निगम की लाइट ब्रांच में हो रही मटीरियल की खरीद के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किए जाने की चर्चा भी चल रही है जिसके तहत सारे परचेज ऑर्डर एक ही कंपनी को मिल रहे हैं। वो कंपनी & टैंडर पूरे करने के लिए फर्जीवाड़ा कर रही है जिनकी नगर निगम में रजिस्ट्रेशन होने के अलावा जी.एस.टी. नंबर होने बारे भी कोई चैकिंग नहीं की जा रही है। यहां तक कि कई बार तो ब्लैक लिस्ट कंपनी के नाम पर टैंडर डाला जा चुका है।

ई-टैंडररिंग सिस्टम की निकली हवा 
सरकार द्वारा पारदर्शिता के नाम पर जो ई-टैंडरिंग सिस्टम लागू किया हुआ है, उसकी भी नगर निगम की लाइट ब्रांच के अधिकारियों द्वारा मैटीरियल खरीदने के लिए सेंकशन बनाने को पहल देने के चक्कर में हवा निकल गई है, क्योंकि सेंकशन के जरिए होने वाली खरीद के लिए पेपर में एड देने की जगह अंदरखाते नोटिस जारी करने की खानापूर्ति कर ली जाती है जिससे ’यादातर ठेकेदारों को पता न लगने से वो टैंडर नहीं डाल सकते और उससे कंपीटीशन न होने के कारण लैस भी बहुत कम डाला जा रहा है।

टैक्नीकल एडवाइजरी कमेटी में लग चुका है एतराज 
नगर निगम की लाइट ब्रांच के अधिकारियों द्वारा टैंडर लगाने की जगह सेंकशन बनाकर मैटीरियल की खरीद करने की खबर नीचे से ऊपर तक के ऑफिसर को है, क्योंकि ऐसे लगातार पहुंचने पर टैक्नीकल एडवाइजरी कमेटी के पास भी पहुंच रहे थे जिनको शुरूआती दौर में मंजूरी देने के बाद कुछ केसों में इक_ा मैटीरियल खरीदने के लिए टैंडर लगाने के आदेश दिए गए।  

मैंटीनैंस ठेकेदारों की लगी मौज
नगर निगम में टैंडर लगाने की जगह सेंकशन बनाकर मैटीरियल की खरीद होने के रूप में चल रही धांधली का सबसे ’यादा फायदा स्ट्रीट लाइट की मैंटीनैंस के ठेकेदारों को हो रहा है, क्योंकि वो पहले ही काम किए बिना ही बंद पड़ी लाइट के बदले भी बिल बनाकर पेमैंट ले रहे हैं और अब उनको ही सेंकशन के जरिए सामान सप्लाई करने की जिम्मेदारी भी मिल रही है। इसका फायदा उठाकर ये ठेकेदार सरकारी मैटीरियल के इस्तेमाल के साथ स्ट्रीट लाइट की रिपेयर भी कर रहे हैं।

विजीलैंस में पहुंच चुका है सेंकशनों का मामला
नगर निगम में मैटीरियल की खरीद के लिए टैंडर लगाने की जगह सेंकशन बनाने का मामला विजीलैंस में भी पहुंच चुका है जिसमें बी. एंड आर. व ओ. एंड एम. सेल के केस भी शामिल हैं जिसमें मुख्य रूप से कागजों में सामान की खरीद दिखाकर ग्राऊंड पर लगाने की जगह बिल बनाकर पेमैंट करने के पहलू की जांच हो रही है

कहां गया पुराना मैटीरियल
नगर निगम द्वारा बनाई जा रही सेंकशनों के जरिए कई ऐसी जगह के लिए भी मैटीरियल की खरीद की जा रही है जहां पहले से ही स्ट्रीट लाइट लगी हुई है। ऐसे में वहां ओर लाइट लगाने की वजह एस्टीमेट बनाने से लेकर पास करने वाले ऑफिसर नहीं बता रहे हैं जिससे साफ  होता है कि या तो बिना सामान लिए ही बिल बनाकर पेमैंट की जा रही है या फिर सामान की खरीद किसी ओर जगह के नाम पर हो रही है और लग किसी ओर जगह रहा है।

नकली समान की सप्लाई की नहीं हो रही चैकिंग
नगर निगम के अधिकारियों द्वारा टैंडर लगाने की जगह जो सेंकशन बनाकर मैटीरियल की खरीद की जा रही है, उसमे ज्यादातर एल.ई.डी. लाइट शामिल है जिनको पहले से स्ट्रीट लाइट लगी होने वाले एरिया के अलावा पार्क में लगाने के नाम पर खरीदा जा रहा है। लेकिन यह कोई चैकिंग नहीं कर रहा है कि सामान असली है या नहीं जबकि असली व नकली सामान में एक चौथाई रेट का फर्क है जिससे नगर निगम को टैंडर में लैस न मिलने के अलावा नकली सामान लगने कारण भी नुक्सान का सामना करना पड़ रहा है। 

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