निगम ने 79 कालोनियों को डिक्लेयर किया अवैध

Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Mar, 2018 04:20 PM

illegal property

ग्लाडा के बाद नगर निगम को भी उन अवैध कालोनियों के खिलाफ एक्शन लेने की याद आई है, जिन्होंने रैगुलराइजेशन पॉलिसी के तहत आवेदन देने के 5 वर्ष बीतने पर भी बकाया फीस जमा नहीं करवाई है। नगर निगम ने ऐसी 79 कालोनियों की सिक्योरिटी जब्त कर ली है।

लुधियाना(हितेश): ग्लाडा के बाद नगर निगम को भी उन अवैध कालोनियों के खिलाफ एक्शन लेने की याद आई है, जिन्होंने रैगुलराइजेशन पॉलिसी के तहत आवेदन देने के 5 वर्ष बीतने पर भी बकाया फीस जमा नहीं करवाई है। नगर निगम ने ऐसी 79 कालोनियों की सिक्योरिटी जब्त कर ली है। इन कालोनियों को फिर से अवैध डिक्लेयर करके उनके खिलाफ केस दर्ज करने के अलावा रजिस्ट्रियों पर रोक लगाने की सिफारिश भी पुलिस व प्रशासन को कर दी गई है।सरकार द्वारा 2013 में जारी की गई रैगुलराइजेशन पॉलिसी के तहत यह प्रावधान रखा गया था कि आवेदन के साथ 25 फीसदी फीस जमा करवाने पर रजिस्ट्री आदि के लिए एन.ओ.सी. मिल जाएगा।

काफी कालोनाइजरों ने पहले सिक्योरिटी जमा करवाकर प्रोवीजनल एन.ओ.सी. तो ले ली लेकिन बाद में बकाया फीस जमा करवाने के अलावा दस्तावेज पूरे करने की जरूरत नहीं समझी। इसकी एक वजह यह भी रही कि कालोनी मालिक द्वारा अप्लाई न करने पर भी प्लाट होल्डर द्वारा एन.ओ.सी. लेने की सूरत में रजिस्ट्री आदि में दिक्कत न आने बारे शर्त पॉलिसी में रखी गई थी, जिसकी आड़ में काफी कालोनाइजरों ने पॉलिसी से पैर पीछे खींच लिए हैं। अब सरकार ने बिना एन.ओ.सी. के रजिस्ट्री करने पर रोक लगा दी है तो जिला प्रशासन ने नगर निगम से भी उसके एरिया में पड़ती अवैध कालोनियों की लिस्ट मांगी है। जिसके लिए नगर निगम के पास वैसे तो कोई रिकार्ड नहीं है। उन कालोनियों की लिस्टें ही खंगाली गईं जो रैगुलराइजेशन पॉलिसी के तहत आवेदन देने के बाद फीस जमा करवाने या दस्तावेज पूरे करने नहीं आए हैं। जिन 79 कालोनियों को नगर निगम ने फिर से अवैध डिक्लेयर करते हुए उनके द्वारा जमा करवाई सिक्योरिटी जब्त करने समेत केस दर्ज करने के अलावा रजिस्ट्रियों पर रोक लगाने की सिफारिश भी पुलिस कमिश्नर व डी.सी. को कर दी गई है। हालांकि यह कार्रवाई ग्लाडा द्वारा काफी समय पहले की जा चुकी है।

एन.ओ.सी. के बावजूद प्लाटों की रजिस्ट्री रोकने पर उठे सवाल :ग्लाडा व नगर निगम द्वारा जिन कालोनियों को फीस या दस्तावेज पूरे जमा न होने का हवाला देते हुए अवैध डिक्लेयर किया गया है। उनकी लिस्ट रजिस्ट्रियों पर रोक लगाने के लिए रैवेन्यू विभाग को मुहैया करा दी गई है, जबकि उन कालोनियों में स्थित काफी प्लाटों के मालिकों ने पूरी फीस जमा कराकर एन.ओ.सी. लिया है, जिनकी रजिस्ट्री पर भी रोक लग रही है लेकिन किसी अफसर के पास इस बारे स्पष्ट जवाब नहीं है।

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