Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Jan, 2018 10:13 AM
मुकेरियां से लगभग 10 किलोमीटर दूर गांव मौली में बह रहे ब्यास दरिया में गत कई माह से जारी अवैध माइनिंग के विरोध में मौली निवासियों ने एकजुट होकर जहां रेत से भरी ट्रालियों को काबू कर लिया वहीं सरकार के विरुद्ध नारेबाजी की।
मुकेरियां(नागला): मुकेरियां से लगभग 10 किलोमीटर दूर गांव मौली में बह रहे ब्यास दरिया में गत कई माह से जारी अवैध माइनिंग के विरोध में मौली निवासियों ने एकजुट होकर जहां रेत से भरी ट्रालियों को काबू कर लिया वहीं सरकार के विरुद्ध नारेबाजी की।
सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पत्रकारों की टीम ने जब गांव निवासियों की निशानदेही पर ब्यास दरिया का दौरा किया तो दरिया के मध्य माइनिंग कर रहे कर्मी अपनी बड़ी-बड़ी क्रेनें तथा रेत से भरे ट्रक लेकर गुरदासपुर की ओर भागने लगे, जो पत्रकारों के कैमरे में कैद हो गए। इतना ही नहीं, पत्रकारों को देखकर दरिया किनारे रेत से भरे ट्रक भी तुरंत खाली कर लिए गए।
माइनिंग संबंधी जानकारी देते हुए गांव के नम्बरदार सुखवंत सिंह, पंच सुखविंद्र सिंह, नरिंजन सिंह, जसवीर सिंह पूर्व सरपंच, बचन सिंह पंच, चन्नण सिंह, लखविंद्र सिंह आदि ने बताया कि हमारे गांव मौली तथा साथ लगते जिला गुरदासपुर के गांव भैणी पसवाल में सरकार से मंजूरशुदा कोई भी खड्ड नहीं है परंतु इसके बावजूद इस एरिया में दिन-रात अवैध माइनिंग का धंधा जारी है। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन 60-70 ट्रालियों व बड़े-बड़े ट्रकों की सहायता से रेत की ढुलाई की जाती है परंतु इसके बावजूद पुलिस प्रशासन आंखें मूंद कर बैठा हुआ है। गांव वासियों ने बताया कि मुगलसराय की जाली पॢचयों के माध्यम से यह अवैध धंधा जोरों पर है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जाली पॢचयां गांव के ही एक मकान में पिं्रट की जाती हैं।