Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Jan, 2018 02:11 PM
जिला मोगा के गांव जनेर की पंचायती जमीन में हुई माइनिंग के मामले में आज उस समय नया मोड़ आ गया, जब गांव के सरपंच मालविंद्र सिंह ने पत्रकारों के समक्ष पक्ष दावा पेश किया कि उन्होंने पंचायती जमीन में मिट्टी माइनिंग एक्ट के नियमों तहत ही उठवाई, लेकिन उसे...
मोगा (पवन ग्रोवर): जिला मोगा के गांव जनेर की पंचायती जमीन में हुई माइनिंग के मामले में आज उस समय नया मोड़ आ गया, जब गांव के सरपंच मालविंद्र सिंह ने पत्रकारों के समक्ष पक्ष दावा पेश किया कि उन्होंने पंचायती जमीन में मिट्टी माइनिंग एक्ट के नियमों तहत ही उठवाई, लेकिन उसे इस मामले में राजनीतिक पक्षपात के तहत फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि माइनिंग विभाग द्वारा जो 65 लाख का हर्जाना डाला गया है, उसको सिविल एवं हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। ज्ञात रहे कि सरपंच ने सरकारी नशा छुड़ाओ केन्द्र जनेर में पंचायती मिट्टी डालने पर प्रशंसा पत्र हासिल किया था।
सरपंच मालविंद्र ने सबूत पेश करते हुए कहा कि पंचायत जमीन में बड़े स्तर पर गड्ढे थे, इसलिए जमीन उपजाऊ करने के लिए इसमें मिट्टी डालनी जरूरी है। उन्होंने कहा कि माइनिंग एक्ट के तहत उपजाऊ न होने वाली जमीन में मिट्टी उठवाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि 20 एकड़ पंचायती जमीन का ठेका वाॢषक सिर्फ मिट्टी उठाने से पहले 2014 दौरान 96 हजार वाॢषक मिलता है, जबकि इस उपरांत 2015 में 4 लाख, 2016 में 6 लाख तथा 2017 दौरान 6 लाख 60 हजार तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि पंचायत की सहमति से ही उन्होंने पंचायती जमीन की आमदन बढ़ाने के लिए ऐसा किया है। इस मामले में उसे कोई भी निजी लाभ नहीं हुआ।