Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Nov, 2017 10:19 AM
करोड़ों रुपए की मिट्टी और रेत की गैर कानूनी हुई माइनिंग के मामले की जांच डिप्टी कमिश्नर की तरफ से एस.डी.एम. राजपुरा और एस.डी.एम. द्वारा आगे तहसीलदार को सौंप दी गई है। इससे साफ है कि जिला प्रशासन फिलहाल इस मामले की तह तक जाने का इच्छुक नहीं लग रहा।
पटियाला (राणा) : करोड़ों रुपए की मिट्टी और रेत की गैर कानूनी हुई माइनिंग के मामले की जांच डिप्टी कमिश्नर की तरफ से एस.डी.एम. राजपुरा और एस.डी.एम. द्वारा आगे तहसीलदार को सौंप दी गई है। इससे साफ है कि जिला प्रशासन फिलहाल इस मामले की तह तक जाने का इच्छुक नहीं लग रहा।
दूसरी तरफ पुलिस की तरफ से भी जिन व्यक्तियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था, उनमें से किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया। अब देखने वाली बात यह होगी कि तहसीलदार इस मामले में क्या कार्रवाई करते हैं। इस मामले में कई सवाल हैं, जैसे लगभग 18 हजार वर्ग गज में बन रहे गोदामों में जो मिट्टी डाली गई है, वह कहां से लाकर डाली गई है।
इसको डालने का ठेका कौन सी फर्म के पास है और उस फर्म की तरफ से मिट्टी कितने समय में और कितनी मात्रा में डाली गई। इसके अलावा वहां घग्घर के जिन बैडों की खुदाई की गई है, वह किनके द्वारा खोदे गए हैं और समय रहते पुलिस और संबंधित अधिकारियों ने इस पर एक्शन क्यों नहीं लिया? इन सवालों का जनता जवाब चाहती है।
300 रुपए टैक्स बना चर्चा का विषय
यहां से भरी जाने वाली ट्राली और टिप्पर पर 300 रुपए लिया जाने वाला टैक्स इलाके में चर्चा का विषय है। यह टैक्स कौन एकत्रित करता है और इसका हिस्सा कहां-कहां जाता है आदि पूरे इलाके में चर्चा का विषय है। हालांकि यदि आम आदमी बन कर इलाके में जाया जाए तो स्थिति स्पष्ट हो सकती है, परंतु अब जांच अधिकारी की जांच का स्तर क्या रहेगा, यह सबसे बड़ा विषय रहेगा।