Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Jan, 2018 08:53 AM
जी.एस.टी. के बिल बेचने वालों से पंजाब की 123 कंपनियों ने बिल खरीदे हैं।
लुधियाना(धीमान): जी.एस.टी. के बिल बेचने वालों से पंजाब की 123 कंपनियों ने बिल खरीदे हैं। इन कंपनियों ने लाखों रुपए अपने खातों में से एक दिन में बिल बेचने वाले गिरोह के अकाऊंट में ट्रांसफर किए हैं और उसी दिन गिरोह द्वारा बनाई गई जाली कंपनियों से करोड़ों रुपए निकाले जा रहे हैं। एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग यह जानने में जुट गया है कि इन कंपनियों ने बिल बेचने वालों के खातों में पैसे क्यों ट्रांसफर किए। वह कंपनियां कहां हैं उनके पतों पर छानबीन के लिए ई.टी.ओ. सिमरन के नेतृत्व एडीशनल कमिश्नर जी.एस.टी. सौरव राज ने एक टीम तैयार कर ली है।
यहां बता दें कि बीते शनिवार को पंजाब केसरी में छपी खबर के बाद हरकत में आए जी.एस.टी. विभाग ने लुधियाना के 2 बैंकों से 11 संदिग्ध अकाऊंटों की स्टेटमैंट निकलवाई थी। उसके आधार पर अधिकारियों के सामने 123 कंपनियों के वो नाम सामने आए जिन्होंने हर दूसरे दिन गिरोह के अकाऊंट में पैसे ट्रांसफर किए हैं। जांच में यह भी पता चला है गिरोह ने अपने भाई, साले व अन्य रिश्तेदारों के नाम पर कंपनियां बना रखी हैं। विभाग जी.एस.टी. में हो रहे घोटालों के साथ-साथ गिरोह की उन कंपनियों की जांच भी कर रहा है कि यह कब वैट से जी.एस.टी. के दायरे में आई हैं और इन्होंने वैट में भी बोगस बिलिंग की है या नहीं। जी.एस.टी. के ई.टी.ओ. सिमरन ने बताया कि छानबीन के दौरान मंडी गोबिंदगढ़ के भी 10 सदस्यों का पता चला है। इनकी भी बैंक डिटेल निकाली जा रही है। सूचना के मुताबिक लुधियाना के 7 ऐसे और बैंक हैं जिनसे अकाऊंट स्टेटमैंट ली जाएगी। उसके बाद यह बिल खरीदने वाली कंपनियों को आंकड़ा बढ़ सकता है।
मनी लांड्रिंग का बन सकता है केस
जी.एस.टी. के जाली बिल बेचने वालों पर मनी लांड्रिंग का केस भी बन सकता है। सूचना मिली है कि जी.एस.टी. विभाग इंफोर्समैंट विभाग को बैंकों से मिली जानकारी सांझा करने के लिए योजना बना रहा है ताकि पता चल सके कि एक दिन में करोड़ों रुपए कैश क्यों निकाले गए और उन्हें कहां खपाया गया।
सैंट्रल एक्साइज विभाग नींद से जागा
सैंट्रल एक्साइज विभाग के डिप्टी कमिश्नर लक्ष्य गुप्ता ने बताया कि वह राज्य के जी.एस.टी. विभाग से बिलों का काम करने वालों की डिटेल ले रहे है। इसके बाद यह पता करवाया जाएगा कि बिल बेचने वाले पंजाब के अलावा और किन-किन राज्यों में जाली बिलिंग कर रहे हैं। उन्होंने माना कि उनके पास लैंड यानी सिक्के की जाली बिलों से खरीद-फरोख्त करने वालों की सूचना हाल ही में मिली है। उनकी एक टीम सारे मामले की जांच में जुट गई है। उम्मीद है कि नतीजे जल्द ही सामने होंगे।