Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Dec, 2017 01:56 PM
अपने व्यापार के प्रचार के लिए बड़ी बेरहमी से सड़क किनारे लगे वृक्षों पर प्रचार सामग्री लगाने का काम बेरोक-टोक चल रहा है। हैरानी इस बात की है कि जंगलात विभाग इस तरफ से आंखें मूंदे बैठा है।
गढ़शंकर (शोरी): अपने व्यापार के प्रचार के लिए बड़ी बेरहमी से सड़क किनारे लगे वृक्षों पर प्रचार सामग्री लगाने का काम बेरोक-टोक चल रहा है। हैरानी इस बात की है कि जंगलात विभाग इस तरफ से आंखें मूंदे बैठा है। पर्यावरण प्रेमियों को इस बात से गहरा आघात लग रहा है कि वृक्षों को बचाने वाला जंगलात विभाग अपनी जिम्मेदारी प्रति लापरवाह है। यूं नियमों की बात की जाए तो वृक्ष पर कील ठोकना जुर्म है, लेकिन यह जुर्म लगातार जारी है क्योंकि सरकारी बाबुओं को इतनी फुर्सत कहां कि वे अपनी ड्यूटी को अंजाम दे सकें।
क्या कहते हैं लोग
वृक्षों की बहुत ज्यादा जरूरत है, यह सभी जानते हैं। वृक्ष पर कील ठोकने से वृक्ष का नुक्सान तो होता ही है साथ ही सुंदरता भी नष्ट हो जाती है, इसलिए यह चलन बंद होना चाहिए। -सर्वजीत सिंह मिंटू, गढ़शंकर
पेड़-पौधे हमारे मित्र हैं जिनके बिना मानव का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। वन विभाग को चाहिए कि वह अपनी जिम्मेदारी निभाए। -परमजीत सिंह, गढ़शंकर
वृक्षों पर कीलें व अन्य सामग्री लगाने से वे सूख जाते हैं। जरूरत है कि लोग स्वयं ऐसा कोई कार्य न करें जिससे वृक्षों को नुक्सान पहुंचता हो। -प्रवीन कित्तना, गढ़शंकर