Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Dec, 2017 12:15 PM
हरित क्रांति को सफल बनाने वाला किसान आज भी आर्थिक पक्ष से खुशहाल न होकर सरकारी स्कीमों के इंतजार में रहता है। फसल का उचित मूल्य न मिलने का रोष किसानों में अक्सर रहता है और कई कर्जे की चपेट में आकर आत्महत्या भी कर रहे हैं। उचित मूल्य पर मंडीकरण न...
गढ़शंकर (शोरी): हरित क्रांति को सफल बनाने वाला किसान आज भी आर्थिक पक्ष से खुशहाल न होकर सरकारी स्कीमों के इंतजार में रहता है। फसल का उचित मूल्य न मिलने का रोष किसानों में अक्सर रहता है और कई कर्जे की चपेट में आकर आत्महत्या भी कर रहे हैं। उचित मूल्य पर मंडीकरण न होने के कारण कई फसलों से पंजाब का किसान किनारा कर चुका है।
फसल तो एक तरफ की बात, अनेक लोग खेती छोड़ कर अन्य कामों या फिर जमीन ठेके पर देकर स्वयं विदेश जा चुके हैं। यदि पंजाब में बाहरी राज्यों से आए मजदूर (जो अब ठेकेदार भी बन चुके हैं) न आएं तो धान की खेती भी हाशिए पर जा सकती है।यदि पंजाब सरकार किसान की खुशहाली तथा किसान को खेती के साथ जोड़े रखना चाहती है तो जरूरी हो चुका है कि किसानों को सहायक काम-धंधे शुरू करने की तरफ चलाया जाए।
इसके लिए पोल्ट्री, डेयरी, बकरी पालन, सूअर पालन, फूड प्रोसैसिंग यूनिट, डिब्बाबंद सब्जियों जैसे काम शुरू करवाए जाने चाहिएं। इस पक्ष को ध्यान में रखना चाहिए कि ज्यादा किसानों के पास जो जमीन है, वह उन्हें विरासत में मिली है और पिछले कई दशकों से यह बंटती आ रही है। मुरब्बे वाले अब किल्लों वाले तथा किल्लों वाले अब कनालों वाले हो चुके हैं, इसलिए थोड़ी जमीन में खेती कर रहे किसान को खर्चे कम करने पड़ेंगे और पैदावार बढ़ानी पड़ेगी, साथ ही सहायक काम-धंधे अपनाने पड़ेंगे।
क्या कहना है लोगों का
*सरकारों को चाहिए कि हर्बल खेती को प्रोत्साहित करने के लिए स्कीमें शुरू करे। मैथा-एलोवेरा आदि की खेती आरंभ करवाएं। इसके साथ हर फसल का सही मंडीकरण बेहद अहम है क्योंकि बिक्री न होने पर किसान की फसल का उसे उचित दाम नहीं मिलता। -अनिल कुमार हैप्पी, सैलाखुर्द।
*सरकारें जय जवान-जय किसान के नारे को भुला चुकी हैं। सरहद पर जवान शहीद हो रहा है और दूसरी तरफ किसान फसलों का उचित दाम न मिलने के कारण कर्जे के बोझ तले आकर खुदकशी कर रहा है। जरूरत है कि देश के अन्नदाता किसान की फसल का उसको सही मूल्य मिले। -गुरनाम सिंह मल्ली, समुंदड़ा।
*डेयरी फार्मिंग का कारोबार पंजाब के किसान को आर्थिक खुशहाली दे सकता है। जरूरत है सरकार इस तरफ नई स्कीमें बनाए तथा नौजवान वर्ग को डेयरी फार्मिंग में सहयोग देकर रोजगार के साधन पैदा करे। -कर्मजीत सिंह राय, पारोवाल।