Edited By Updated: 27 Jun, 2016 12:41 PM
वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ को पंजाब कांग्रेस का प्रभारी बनाए जाने के बाद खड़ा हुआ विवाद अभी पूरी तरह से ठंडा भी....
चंडीगढ़: हिमाचल प्रदेश के डलहौजी में लैंड ग्रैब केस (भूमि हड़पने के मामले) में दोषी विधायक आशा कुमारी को कांग्रेस ने पंजाब प्रभारी बनाया है। वह फिलहाल जमानत पर रिहा हैं। आशा अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की सचिव भी हैं। आशा को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और यू.पी.ए. में केंद्रीय मंत्री रह चुके कमलनाथ के स्थान पर नियुक्त किया गया है।
कमलनाथ ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के मद्देनजर विवाद के चलते पद संभालने के 3 दिन बाद ही इस्तीफा दे दिया था। अगले साल पंजाब में चुनाव होने जा रहे हैं। इसी के लिए उन्हें यह कार्यभार दिया गया है। वहीं विवाद छिड़ने के बाद सुत्रों के हवाले से खबर अाई है कि कांग्रेस अब अाशा रानी को कमलनाथ की तरह पद से नहीं हटाएगी।
क्या है मामला?
हिमाचल प्रदेश में चंबा जिले की एक अदालत ने आशा कुमारी को जमीन हड़पने के एक मामले में तीन साल की कैद की सजा सुनाई थी।
साल 1998 में तत्कालीन विधायक आशा कुमारी और उनके दिवंगत पति बृजेन्द्र सिंह के खिलाफ एक शिकायतकर्ता ने राजस्व अधिकारियों के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेजों के जरिए 67.3 बीघा जमीन हड़पने का आरोप लगाया था।
1998 में तत्कालीन धूमल सरकार के कार्यकाल के दौरान मामले की जांच सतर्कता विभाग को सौंपी गई थी और दंपत्ति और राजस्व विभाग के अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र रचने,धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज किया गया था।