Edited By Updated: 05 Sep, 2016 12:20 PM
पंजाब के नम्बरदारों की जायज मांगें न माने जाने कारण उनमें सरकार प्रति रोष बढ़ता जा रहा है। आज नम्बरदारों की हुई
जालंधर(महेश): पंजाब के नम्बरदारों की जायज मांगें न माने जाने कारण उनमें सरकार प्रति रोष बढ़ता जा रहा है। आज नम्बरदारों की हुई बैठक में पंजाब नम्बरदार यूनियन के अध्यक्ष गुरपाल सिंह समरा ने कहा कि मांगों को लेकर टालमटोल की अपनाई जा रही नीति का सरकार को आने वाले विधानसभा चुनाव में बड़ा नुक्सान उठाना पड़ सकता है, क्योंकि पंजाब में नम्बरदारों की संख्या 40,000 से अधिक है तथा उनका वोट बैंक लाखों में है।
उन्होंने बताया कि 6 महीने पहले 9 मार्च को पंजाब नम्बरदार यूनियन की बैठक पंजाब के राजस्व मंत्री बिक्रमजीत सिंह मजीठिया से उनके कार्यालय चंडीगढ़ में हुई थी। बैठक में कैबिनेट मंत्री मजीठिया ने नम्बरदारों की मांगों (पिता-पुरखी नम्बरदारी, जिले तक फ्री बस पास, बकाया मान भत्ता रैगुलर हर महीने देने) को पूरा करने का वायदा किया था लेकिन 6 माह बीत जाने के बाद भी कोई मांग पूरी नहीं की गई। फिल्लौर तहसील के नम्बरदारों को पिछले 2 साल बकाया नहीं मिला था, जिस संबंधी उन्होंने वित्त कमिश्नर (राजस्व) कर्ण अवतार सिंह से चंडीगढ़ में मुलाकात की और 1 साल के पैसे नम्बरदारों को दिलवाए।
समरा ने बताया कि उन्होंने कई बार मजीठिया से बात करनी चाही लेकिन जितनी बार भी बात हुई, उनके पी.ए. से ही हुई। उनका हर बार यहीं कहना होता था कि वह जल्द ही उनकी मंत्री जी से मुलाकात करवाएंगे लेकिन 9 मार्च की बैठक के बाद उनकी मंत्री से एक भी मुलाकात नहीं हुई। उन्होंने बताया कि पंजाब नम्बरदार यूनियन ने फैसला लिया है कि जिला प्रधानों से बैठकें करने के बाद पंजाब स्तर की एक बड़ी रैली की जाएगी जिसमें हजारों की संख्या में नम्बरदार भाईचारा शामिल होगा। इस दौरान अगले संघर्ष की घोषणा की जाएगी।