Edited By Updated: 14 Oct, 2016 10:12 AM
नगर निगम जालंधर के अधिकारी जो कई-कई सालों से इसी शहर में अपनी कुर्सियों पर काबिज हैं की नालायकी और लापरवाहियों के उदाहरण अक्सर देखने को मिलते रहते हैं।
जालंधर (खुराना): नगर निगम जालंधर के अधिकारी जो कई-कई सालों से इसी शहर में अपनी कुर्सियों पर काबिज हैं की नालायकी और लापरवाहियों के उदाहरण अक्सर देखने को मिलते रहते हैं।
आज फिर नगर निगम के एक एक्सियन की नालायकी के कारण नगर निगम जालंधर को तब भारी बदनामी झेलनी पड़ी जब शहर में बने रैन बसेरों का संचालन करने वाले ठेकेदार ने शहर के सभी रैन बसेरों पर ताले लगा दिए जिस कारण वहां रात गुजारने वाले करीब 75 लोगों को खुले आसमान के नीचे रात गुजारनी पड़ी। रात भर इन लोगों ने नगर निगम को कितना कोसा होगा इसका हिसाब लगाना काफी मुश्किल है। गौरतलब है कि नगर निगम ने बेघर लोगों के लिए शहर में 7 स्थानों पर रैन बसेरे बना रखे हैं जिनमें से 2 रैन बसेरे दोमोरिया पुल फ्लाईओवर के नीचे और बाकी मदन फ्लोर मिल चौक, सदर थाना फाटक के पास, बस्ती पीरदाद, गढ़ा तथा अर्बन एस्टेट फेस-2 डिस्पैंसरी के पास स्थित हैं।
बबरीक चौक के निकट रैन बसेरे का निर्माण अभी चल रहा है। अमूमन इन 7 रैन बसेरों में हर रोज 70-80 लोग रात गुजारते हैं जिसके लिए नगर निगम ने टैंडर अलाट करके ठेकेदार को काम दे रखा है जो इन रैन बसेरों में बिस्तर, बिजली-पानी, शौचालय, फर्स्ट-एड तथा सफाई इत्यादि की सुविधाएं उपलब्ध करवाता है। बदले में नगर निगम ठेकेदार को एक साल के करीब 30 लाख रुपए अदा करता है। निगम सूत्रों के मुताबिक पिछले साल इन रैन बसेरों के संचालन का जिम्मा ठेकेदार गौरव गुप्ता के पास था जिनका टैंडर 30 सितम्बर को खत्म हो चुका है। नगर निगम ने सितम्बर के अंत में इस कार्य हेतु टैंडर लगा दिए थे परन्तु अभी तक इसका वर्क आर्डर जारी नहीं हुआ है। रैन बसेरे में मौजूद ठेकेदार के एक प्रतिनिधि ने बताया कि उनकी कम्पनी ने निर्धारित कार्यकाल से 13 दिन ज्यादा काम कर लिया है परन्तु अभी तक नया काम अलाट नहीं हुआ जिस कारण सभी रैन बसेरों को ताले लगा दिए गए हैं। गौरतलब है कि रैन बसेरों के बाहर नोडल अफसर के रूप में निगम एक्सियन चमन लाल का टैलीफोन नम्बर भी लिखा हुआ है।