Edited By Updated: 13 Nov, 2015 11:19 AM
देश के सभी राज्यों के शिक्षा बोर्डों द्वारा अब तक अपने-अपने शैड्यूल के मुताबिक परीक्षाएं ली जाती हैं
जालंधर : देश के सभी राज्यों के शिक्षा बोर्डों द्वारा अब तक अपने-अपने शैड्यूल के मुताबिक परीक्षाएं ली जाती हैं और परिणाम भी अलग-अलग तिथियों में घोषित किए जाते हैं, परन्तु अब नई कोशिश के तहत सभी राज्यों के शिक्षा बोर्डों की परीक्षाओं की तिथियां एक करने व परीक्षा परिणामों की तिथि भी एक निर्धारित करने के बारे में सोचा जा रहा है।
हालांकि इस बारे अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है, परन्तु इसके लिए प्रयास जरूर शुरू कर दिए गए हैं। अगर एम.एच.आर.डी. के उक्त प्रयास सफल हो गए तो आने वाले सत्र से देश के सभी राज्यों के शिक्षा बोर्डों की परीक्षाएं एक साथ ही होंगी। सभी बोर्ड रिजल्ट भी एक साथ ही निकालेंगे।
जानकारी के अनुसार केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा इसके लिए सभी स्टेट बोर्डों से सिफारिश की गई है। इसके साथ ही इसकी समीक्षा, बोर्डों से फीडबैक लेने और उन्हें सहमत करने के लिए अलग-अलग 4 कमेटियां 31 दिसम्बर तक अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी। अगर सभी स्टेट बोर्ड राजी हो गए या कमेटियों द्वारा इन्हें मना लिया गया तो आगामी शैक्षणिक सत्र से इसे लागू कर दिया जाएगा। अब यह योजना रंग ला पाती है या नहीं यह तो कमेटियों की रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा।
एम.एच.आर.डी. क्यों करना चाहता है ऐसा
इस योजना का मुख्य मकसद यह है कि राष्ट्रीय स्तर की संयुक्त प्रवेश परीक्षाओं में हर बोर्ड के विद्यार्थी भाग ले सकें। दरअसल राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षाओं में कई बार कुछ बोर्डों के विद्याॢथयों को देर से परीक्षाएं होने का या देर से परिणाम आने का खमियाजा भुगतना पड़ता है। इससे पहले एम.एच.आर.डी. द्वारा सभी बोर्डों का परिणाम 31 मई से पहले जारी करने की सिफारिश की जा चुकी है। इसके पीछे भी यही मकसद है कि समय रहते इन बोर्डों के छात्रों का स्कोर विभिन्न प्रतियोगिताओं में बनने वाले रैंक के लिए भेजा जा सके।