Edited By Updated: 30 Jul, 2016 03:13 PM
ड्रग्स तस्करी के आरोप में इंडोनेशिया में मौत की सजा पाए भारतीय नागरिक गुरदीप सिंह की जान आखिरी समय पर एक कागज ने बचा ली।
जालंधर: ड्रग्स तस्करी के आरोप में इंडोनेशिया में मौत की सजा पाए भारतीय नागरिक गुरदीप सिंह की जान आखिरी समय पर एक कागज ने बचा ली। दरअसल, गुरुवार रात गुरदीप सिंह को गोली मारने की पूरी तैयारीं थी और उसकी लाश उठाने वाली गाड़ी भी खड़ी थी लेकिन सिर्फ 5 मिनट पहले एक व्यक्ति कोई कागज लेकर पहुंचा, जिसके बाद गुरदीप सहित 10 लोगों की मौत टाल दी गई।
हालांकि यह सजा माफ नहीं हुई है और इसका कारण इंडोनेशिया सरकार ने साफ नहीं किया है। वहां के अटार्नी जनरल मोहम्मद रूम ने बताया कि प्रशासन ने अभी उक्त लोगों को पुरानी जेलों में वापिस भेज दिया है, दूसरी तरफ़ भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप मुताबिक गुरदीप इंडनेशिया के राष्ट्रपति सामने माफी की अर्जी दायर कर सकता है।
बता दें कि भारत सरकार ने गुरदीप को बचाने के लिए अंतिम वक्त तक राजनयिक कोशिशें की थीं। हालांकि इंडोनेशिया सरकार ने माफी की सभी अपीलें ठुकरा दी हैं। गुरदीप समेत 14 लोगों को 28 जुलाई की रात मौत की सजा दी जानी थी। इंडोनेशिया ने गुरुवार रात 4 लोगों को मौत की सजा दी। जालंधर निवासी 48 साल के गुरदीप को इंडोनेशिया के सुकर्णो हवाई अड्डे से 12 साल पहले 2004 में गिरफ्तार किया गया था। उस पर आरोप था कि उसके पास से 300 ग्राम हैरोइन बरामद हुई थी। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार रात को ट्वीट कर कहा था कि हम इसे रुकवाने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं।