क्या अाप भी हैं बच्चे की Admission करवाने को लेकर चिंतित?

Edited By Updated: 13 Nov, 2015 02:37 PM

concern to be enrolled in schools

दीवाली के बीतते ही अभिभावकों में अपने बच्चों को नामी-गिरामी स्कूलों में दाखिला कराने की चिंता सताने लगी है।

जालंधर : दीवाली के बीतते ही  अभिभावकों में अपने बच्चों को नामी-गिरामी स्कूलों में दाखिला कराने की चिंता सताने लगी है। हालांकि कुछ प्रमुख स्कूलों ने तो दीवाली से पहले ही नर्सरी व एल.के.जी. में दाखिले के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी कर ली। अभिभावकों को अगले सप्ताह से इंट्रैक्शन के लिए बुलाया गया है जबकि कुछ स्कूल दीवाली के बाद ही विभिन्न कक्षाओं के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू करने जा रहे हैं। अभिभावकों में प्रॉस्पैक्टस खरीदने व बच्चों के रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए उत्साह तो है लेकिन उनके माथे पर चिंता की लकीरें भी साफ नजर अा रही है कि उनके पंसीदा स्कूल में उनके बच्चे का दाखिला होगा या नहीं। 

बात अगर नामी स्कूलों में दाखिलों की करें तो लगता है कि इन स्कूलों में नर्सरी व एल.के.जी. में दाखिला करवाने के लिए भीड़ लगी हुई है। कुछ अभिभावकों ने तो बच्चे के दाखिले को एक स्टेटस सिंबल बना रखा है। अपने बच्चे के दाखिले के लिए पहले स्कूलों का नाम तय कर लेते हैं। नर्सरी व एल.के.जी. में एडमीशन के लिए अभिभावक कम से कम 4 स्कूलों के फार्म भरते हैं। हालांकि इसके लिए अभिभावक अपनी पहली च्वाइस भी पहले ही तय कर लेते हैं। इस क्रम में वह सिफारिश के लिए जुगाड़ लगाना भी  शुरू कर देते हैं।

इन दिनों प्ले व प्री स्कूलों की भरमार है। अभिभावक अपने बच्चों को 2 वर्ष की उम्र में ही दाखिल करवा देते हैं। गौरतलब है कि दाखिले में ये प्ले स्कूल भी अभिभावकों की मदद करते हैं और विभिन्न स्कूलों में उपलब्ध सीटों पर प्ले स्कूलों की भी नजर रहती है। खास बात तो यह है कि प्ले स्कूलों में पढऩे वाले किसी छात्र का एडमीशन अगर किसी नामी स्कूल में हो जाता है तो वह इसे अपनी उपलब्धि मानते हुए बकायदा स्कूल रजिस्टर व नोटिस पर नामी स्कूल की किसी भी कक्षा में दाखिल होने वाले बच्चे का नाम तक लिखते हैं ताकि प्ले स्कूल में अपने बच्चे की एडमीशन को आने वाले अन्य अभिभावकों को आकर्षित किया जा सके।   

नेताओं व अधिकारियों के पास पहुंचे रजिस्ट्रेशन नंबर

उधर इन दिनों में स्कूलों में शुरू होने वाली दाखिला प्रक्रिया को लेकर अभिभावक काफी टैंशन में रहते हैं । यही वजह है कि प्रमुख स्कूलों में अपने बच्चे की एडमीशन के लिए वे मंत्रियों व अधिकारियों की सिफारिशें तक ढूंढ रहे हैं। पता चला है कि पिछले दिनों दीवाली की शुभकामनाओं के रूप में उपहार देने नेताओं के अलावा अधिकारियों के पास जाने वाले अधिकतर अभिभावकों ने स्कूलों में बच्चों के दाखिले के लिए रजिस्टे्रशन नंबर तक भी उन्हें दिए हैं ताकि इंट्रैक्शन वाले दिन स्कूलों में उनकी सिफारिशें की जा सकें। 

क्या कहते हैं नेता जी

इस बारे एक नेता ने बात करने पर बताया कि बच्चों के अभिभावक तो उन्हें नामी स्कूल में दाखिले की सिफारिश के रजिस्ट्रेशन नंबर दे जाते हैं जिसके बाद वे भी बच्चे की एडमीशन के लिए सिफारिश तो करते हैं लेकिन स्कूलों के पास सीमित सीटें ही होने के कारण हरेक बच्चे का दाखिला उसके अभिभावक की पसंद के स्कूल में होना संभव नहीं होता इसलिए अभिभावकों को चाहिए कि वे अपने छोटी उम्र के बच्चों को घर के पास किसी भी इंगलिश मीडियम के स्कूल में दाखिल करवा दें ताकि छोटी-सी उम्र में ही बच्चे को अभिभावक की जिद के कारण स्कूल जाने के लिए लंबा सफर तय कर परेशानी न उठानी पड़े।

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