Edited By Updated: 09 Feb, 2016 03:48 PM
जन्म-मृत्यु पंजीकरण करवाना कानूनन अनिवार्य है। इसके बिना अापको कई क्षेत्रों में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
जालंधरः जालंधरः जन्म-मृत्यु पंजीकरण करवाना कानूनन अनिवार्य है। इसके बिना अापको कई क्षेत्रों में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।जन्म रजिस्ट्रेशन होना बहुत जरूरी है । यही हमारी नागरिकता और मानवीय अधिकारों के लिए जरूरी माना जाता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए पंजाब सरकार ने नया प्रयास किया है।
अब आप कही भी हो इस लिंक punjab.gov.in/late-entry-of-name-in-birth-certificate पर क्लिक कर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हो।
जन्म-मृत्यु पंजीकरण का महत्व
जन्म एवं मृत्यु का पंजीकरण सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए अनिवार्य है। जन्म-मृत्यु पंजीकरण से प्राप्त सूचनाएं हमारी योजनाओं के नीति निर्धारण में सहायक होती है। अतः जन्म एवं मृत्यु का पंजीकरण निम्न प्रकार से उपयोगी है।
देश एवं प्रदेश की योजनाओं यथा शिक्षण संस्थाएं खोलने, पेयजल एवं विद्युतीकरण कार्य आदि के निर्माण एवं क्रियान्वन हेतु जन्म एवं मृत्यु के आंकडों का उपयोग किया जा सकता है।
जन्म दर का उपयोग परिवार कल्याण कार्यक्रम की सफलता ज्ञान करने एवं मृत्युदर, शिशु मृत्यु दर एवं मृत जन्म दर का उपयोग स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवाओं के विस्तार हेतु किया जा सकता है।
मृत्यु के कारणों के आधार पर बीमारियों की प्रवृति एवं क्षेत्र विशेष में किस बीमारी का अधिक प्रकोप है,के बारे में जानकारी उपलब्ध होती है जिसके आधार पर चिकित्सा सेवाएं उपलबंध कराई जा सकती है।
जन्म-मृत्यु के पंजीकरण के पश्चात् आवेदक का जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र दिया जाता है, जिसके निम्नलिखित लाभ हैः-
विद्यालय में प्रवेश।
ड्राईविंग लाईसेन्स लेने के लिए।
पासपोर्ट पाने के लिए।
बीमा पॉलिसी लेने के लिए।
राशन कार्ड में नाम दर्ज करवाने के लिए।
सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ लेने के लिए।
मृत्यु प्रमाण-पत्र के लाभः-
सम्पति के उतराधिकारी के लिए।
पेंशन एवं बीमा आदि के मामलों को निपटाने के लिए।
सम्पति दावों को निपटाने के लिए।
भूमि के नामान्तरण के लिए।
जन्म व मृत्यु पंजीकरण कैसे करवाएं?
जन्म-मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969 के नियम 9(3) के अनुसार जन्म या मृत्यु की घटना चाहे कितनी पुरानी हो, उसका भी पंजीयक कराया जा सकता है।