Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Jan, 2018 03:56 PM
गिद्दड़बाहा शहर के कई होटलों, ढाबों और रेहड़ी वालों की ओर से घटिया क्वालिटी का खाने का सामान बेच कर लोगों की सेहत के साथ सरेआम खिलवाड़ किया जा रहा है। घटिया क्वालिटी का खाना खाने से लोग तरह-तरह की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।
गिद्दड़बाहा (संध्या): गिद्दड़बाहा शहर के कई होटलों, ढाबों और रेहड़ी वालों की ओर से घटिया क्वालिटी का खाने का सामान बेच कर लोगों की सेहत के साथ सरेआम खिलवाड़ किया जा रहा है। घटिया क्वालिटी का खाना खाने से लोग तरह-तरह की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।
आज युवा पीढ़ी तली चीजें खाने की काफी शौकीन है परन्तु इन नौजवानों ने कभी यह ध्यान नहीं दिया होगा कि वह जिस रेहड़ी या दुकान से यह खाना खा रहे हैं वह फूड सेफ्टी नियमों की पालना करते भी हैं या नहीं। शहर में बड़ी संख्या में अलग-अलग स्थानों पर टिक्कियों, चने-भटूरे, समोसे आदि कई तरह की रेहडिय़ां और दुकानें हैं, जहां खड़े होकर लोग इन चीजों को खाने का एक बार मजा तो ले लेते हैं परन्तु बाद में उनको पेट की और कई अन्य बीमारियों का सामना करना पड़ता है।
क्या है फूड सेफ्टी एक्ट
भारत सरकार की ओर से फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी आफ इंडिया का वर्ष 2006 में गठन किया गया था। यह केंद्र सरकार के सेहत और परिवार भलाई मंत्रालय का एक संगठन है, जिसका काम खाने-पीने वाले पदार्थों का उत्पादन करने वाली ईकाइयों पर निगरानी और कंट्रोल रखना है। इस कानून के अंतर्गत जहां खाद्य सामग्री में मिलावट युक्त उत्पाद किसी ग्राहक को देना सख्त मना है, वहीं किसी भी उद्यमी दुकानदार द्वारा अपना उत्पाद बाजार में बेचने से पहले भोजन सुरक्षा मानकों पर खरा उतारना जरूरी होता है।