Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Feb, 2018 10:45 AM
शिक्षा सचिव किशन कुमार के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत स्कूली शिक्षा में सुधारों के नाम पर अध्यापकों को परेशान किया जा रहा है व रैगुलर भर्ती का लोकतांत्रिक अधिकार मांगते अध्यापकों के खिलाफ झूठे पर्चे दर्ज किए जा रहे हैं। इसी का विरोध करते हुए संयुक्त...
श्री मुक्तसर साहिब(तनेजा): शिक्षा सचिव किशन कुमार के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत स्कूली शिक्षा में सुधारों के नाम पर अध्यापकों को परेशान किया जा रहा है व रैगुलर भर्ती का लोकतांत्रिक अधिकार मांगते अध्यापकों के खिलाफ झूठे पर्चे दर्ज किए जा रहे हैं। इसी का विरोध करते हुए संयुक्त अध्यापक मोर्चा पंजाब के आह्वान पर मोर्चे की स्थानीय इकाई द्वारा जिला शिक्षा कार्यालय के समक्ष रोष प्रदर्शन किया गया तथा अध्यापक व शिक्षा विरोधी नीतियों को लागू करने के लिए जिम्मेदार शिक्षा सचिव की अर्थी फूंकी गई।
इस अवसर पर मोर्चे के नेताओं कुलविन्द्र सिंह मलोट, सुदर्शन, परगट सिंह जम्बर व लखवीर सिंह हरीके ने कहा कि पंजाब सरकार सरकारी स्कूलों में पढ़ते किरती किसानों के लाखों विद्याॢथयों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। सरकारी स्कूलों के मौजूदा हालातों को नजर अंदाज कर शिक्षा में स्वयं बनाए जा रहे सुधारों के नाम पर अध्यापक वर्ग को परेशान करने के लिए प्रतिदिन नए-नए फरमान जारी किए जा रहे हैं।
अध्यापक नेताओं मनोहर लाल शर्मा, नवदीप सुखी, बूटा सिंह व परमजीत सिंह ने कहा कि वाॢषक परीक्षाओं में नकल रोकने के नाम पर अध्यापकों की ड्यूटियां दूर स्टेशनों पर लगाई गई हैं जहां समय पर पहुंचना महिला अध्यापकों के लिए बेहद मुश्किल है। उन्होंने अध्यापक नेताओं पर दर्ज किए गए पर्चे वापस लेने की मांग भी की। अध्यापक नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि सरकार अध्यापकों पर शिक्षा विरोधी नीतियों को लागू करने से बाज न आई तो संयुक्त मोर्चे द्वारा राज्य स्तरीय संघर्ष शुरू किया जाएगा।