Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Mar, 2018 10:28 AM
बठिंडा-चंडीगढ़ मुख्य मार्ग पर तपा नजदीक स्थित एक प्राइवेट फैक्टरी उस समय विवादों में घिर गई, जब मैनेजमैंट द्वारा लगभग डेढ़ महीने से काम कर रहे 30 के करीब प्रवासी मजदूरों,जिसमें पुरुषों के साथ-साथ लड़कियां और बच्चे भी शामिल हैं, को मारपीट कर फै क्टरी...
तपा मंडी (गर्ग,शाम): बठिंडा-चंडीगढ़ मुख्य मार्ग पर तपा नजदीक स्थित एक प्राइवेट फैक्टरी उस समय विवादों में घिर गई, जब मैनेजमैंट द्वारा लगभग डेढ़ महीने से काम कर रहे 30 के करीब प्रवासी मजदूरों,जिसमें पुरुषों के साथ-साथ लड़कियां और बच्चे भी शामिल हैं, को मारपीट कर फै क्टरी में से सामान सहित धक्के मार कर गत रात्रि बाहर निकाल दिया और उनका वेतन देने से भी साफ इंकार कर दिया। इस संबंधी पत्रकारों के साथ बातचीत करते मजदूरों ने बताया कि गत तीन दिनों से उनके साथ फैक्टरी में मारपीट की जा रही थी।
उनको भूखा रखकर उनसे काम लिया जा रहा था। वर्णनीय है कि फैक्टरी मालिकों की मारपीट का शिकार हुए इन मजदूरों में बड़ी संख्या में बच्चे थे,जिनसे काम करवा कर बाल मजदूरी एक्ट का जहां उल्लंघन किया जा रहा था, वहीं उन बच्चों से काम लेने के बावजूद भी उनको कोई पैसा नहीं दिया जाता था। मजदूरों ने यह भी बताया कि उनसे 11-12 घंटे काम लिया जाता है। इन मजदूरों में से 3 नौजवानों को फैक्टरी वालों ने पुलिस में पकड़ा दिया था परन्तु थाना प्रमुख सुरिन्द्र सिंह और सिटी इंचार्ज राम लुभाया ने इनका कोई कसूर न होने पर इनको छोड़ दिया। मारपीट का शिकार हुए मजदूर पवन कुमार,रमा शंकर,चंदन,मौनी,प्रतिमा और नंदनी सिविल अस्पताल में उपचाराधीन हैं।
लड़कियों के 2 गुटों में हुई थी लड़ाई
इस मामले संबंधी जब फैक्टरी के उच्च अधिकारी के साथ बात की तो उन्होंने सभी आरोपों को झूठा और बेबुनियाद बताते कहा कि लड़कियों के दो गुटों में आपस में लड़ाई होने के कारण घटना घटी है जिस बारे पुलिस को सूचित कर दिया था। मैं तो मसले को सुलझाने में लगा हुआ था, जो उक्त मजदूरों का वेतन बकाया रहता है, उनके खातों में डाल दिया जाएगा।
जांच करके कार्रवाई अमल में लाई जाएगी
लेबर इंस्पैक्टर मैडम गुरपिन्द्र कौर का कहना है कि वेतन न दिए जाने बारे उनके पास कोई शिकायत नहीं आई। बाल मजदूरी बारे कहा कि इस बात की जांच करके कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।