Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Nov, 2017 07:44 AM
देश भर में कोई भी ऐसा राज्य नहीं है जिसमें महिलाएं पूरी तरह सुरक्षित हों। महिलाएं डरी-सहमी दिखाई दे रही हैं क्योंकि दुष्कर्म का दैत्य उनके आगे हर जगह मुंह बाये खड़ा है, यहां तक कि छोटी बच्चियों को भी दरिन्दों द्वारा दुष्कर्म का शिकार बनाया जा रहा है।
गुरदासपुर (दीपक): देश भर में कोई भी ऐसा राज्य नहीं है जिसमें महिलाएं पूरी तरह सुरक्षित हों। महिलाएं डरी-सहमी दिखाई दे रही हैं क्योंकि दुष्कर्म का दैत्य उनके आगे हर जगह मुंह बाये खड़ा है, यहां तक कि छोटी बच्चियों को भी दरिन्दों द्वारा दुष्कर्म का शिकार बनाया जा रहा है। जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, वे बहुत भयानक हैं।
देश में बढ़ रहा यह रुझान बेहद नमोशी भरा है। इस रुझान को रोकने के लिए प्रत्येक वर्ग से संबंधित जागरुक लोगों को आगे आने की जरूरत है ताकि मासूम जिन्दगियां तबाह होने से बचाई जा सकें । सरकारें भी इन मामलों पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहीं। इस गंभीर मामले को लेकर विभिन्न क्षेत्रों में रह रही महिलाओं का पक्ष जानने के लिए ‘पंजाब केसरी’ द्वारा यह विशेष रिपोर्ट तैयार की गई है।
दुष्कर्मियों का सभी लोगों द्वारा सामाजिक तौर पर बायकाट किया जाए क्योंकि ऐसे लोग समाज पर बड़ा कलंक हैं। महिलाओं को डरने की जरूरत नहीं, उनको कानूनी कार्रवाई करवाने के लिए खुलकर आगे आना चाहिए।
नीलम महंत, पूर्व चेयरपर्सन
प्लानिंग बोर्ड दुष्कर्म के मामले में आरोपियोंं के खिलाफ माननीय अदालतों को फैसला जल्द करना चाहिए। दुष्कर्म के कई मामले दबे ही रह जाते हैं क्योंकि बहुत सी महिलाएं डर व बदनामी के चलते ऐसी घटनाओं बारे पारिवारिक सदस्यों को बताती ही नहीं हैं। इसके कारण कई महिलाओं को बार-बार दुष्कर्म का शिकार होना पड़ता है।
रजनी शर्मा,प्रिंसीपल
जब तक हमारे देश में कानून की लाठी सख्त नहीं होती तब तक दुष्कर्म की घटनाएं नहीं रुकेंगी क्योंकि आरोपी कानून से डर ही नहीं रहे। हजारों महिलाएं ऐसी हैं जिनसे दुष्कर्म हुआ परंतु इंसाफ न मिलने के कारण वे दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। कानून व्यवस्था में सुधार करने की जरूरत है।
रंजू सैनी, प्रिंसीपल