Edited By Vatika,Updated: 06 Jun, 2025 11:18 AM

नीतियां बनाने वाले नेता ए.सी. में और अंडर ट्रायल तपती गर्मी सहें।
लुधियाना(स्याल): उत्तर भारत में गर्मी का मौसम सबसे लंबा चलता है। अप्रैल से शुरू होने वाला मौसम अगस्त के आखिर तक पसीना छुड़ाता है। जिसमें नीतियां निर्धारण करने वाले नेता लोग तो ए.सी. का आनंद लेते हैं। लेकिन आम जनता का हाल बुरा होता है। |
स्थानीय सैट्रल जेल ताजपुर रोड में भी इस गर्मी में एक समस्या खड़ी हो गई है।क्योंकि जहां मौसम 42 डिग्री को छू रहा है। तो वहीं क्षमता से ज्यादा कैदियों की गिनती होने के चलते जेल में बुरा हाल है। और बैरकों में कथित रूप से ठूंस ठूंस कर भरे कैदियों व अंडरट्रायल को मौसम की मार झेलनी पड़ रही है। बढ़ते तापमान के कारण स्थिति और खराब हो रही है।और हम कैदियों को राहत पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं। एक अधिकारी अनुसार जवाब में जेल ने 500 स्वीकृत पानी के बर्तनों में से 300 खरीदे हैं। और अपने 40 बैरकों में 70 एग्जॉस्ट पंखे लगाने की मंजूरी प्राप्त की है। सभी बैरक पहले से ही सीलिंग फैन, वाटर कूलर और रिवर्स ऑस्मोसिस सिस्टम से सुसज्जित हैं। भीड़भाड़ के पैमाने को देखते हुए ये उपाय अपर्याप्त साबित हो रहे हैं। आने वाले दिनों में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अतिरिक्त सीलिंग फैन की आपूर्ति भी किए जाने की उम्मीद है।
जेल में बंदियों की गिनती 4700 के पार
दूसरी ओर यह पहली बार नहीं है। जब लुधियाना सैट्रल जेल पर दबाव पड़ा है। अप्रैल में जेल में बंदियों की गिनती 4,700 को पार करने के बाद इसने अस्थायी रूप से नए कैदियों को स्वीकार करना बंद कर दिया। जिससे नए गिरफ्तारियों को 110 किलोमीटर दूर स्थित गोइंदवाल जेल में भेज दिया गया। 2024 में भी दो महीने के लिए इसी तरह की रोक लगी थी।इस बीच कर्मचारियों की कमी समस्या को और बढ़ा रही है। 4,500 कैदियों को रखने के बावजूद जेल सिर्फ़ 110 सुरक्षा कर्मियों के साथ काम करती है।बंदियों की इतनी आबादी के लिए यह स्टाफ काफी कम है। अधिकारियों का कहना है कि जब तक नए गिरफ़्तारी प्रोटोकॉल को बुनियादी ढांचे के उन्नयन के साथ संतुलित नहीं किया जाता। पंजाब की जेल प्रणाली दबाव में कमज़ोर होने की तस्वीर पेश कर रही है।