ISI के लिए जासूसी करने वाले भारतीय सेना के 2 जवान गिरफ्तार

Edited By Vatika,Updated: 07 Jul, 2021 11:28 AM

two army men arrested for spying for isi

पंजाब पुलिस ने मंगलवार  को पाकिस्तान  की खुफिया एजैंसी इंटर-सर्विसिजेज इंटैलीजैंस (आई.एस.आई.) के लिए जासूसी करने

चंडीगढ़/जालंधर (रमनजीत): पंजाब पुलिस ने पाकिस्तान  की खुफिया एजैंसी इंटर-सर्विसिजेज इंटैलीजैंस (आई.एस.आई.) के लिए जासूसी करने और गोपनीय दस्तावेज मुहैया करवाने के आरोप में भारतीय सेना के 2 जवानों को गिरफ्तार किया है। इससे सीमा पार से जासूसी नैटवर्क का पर्दाफाश हुआ है जोकि नशा तस्करों के जरिए चलाया जा रहा था।

गिरफ्तार सैनिकों की पहचान अमृतसर के गांव चीचा के रहने वाले सिपाही हरप्रीत सिंह (23), जो अनंतनाग में तैनात था, के तौर पर हुई है। वह 2017 में भारतीय सेना में भर्ती हुआ था और 19 राष्ट्रीय राइफल से संबंधित है। वहीं सिपाही गुरभेज सिंह (23) तरनतारन के गांव पूनियां का निवासी है, जो 18 सिख लाइट इन्फैंटरी से संबंधित है और कारगिल में क्लर्क के तौर पर काम करता था। वह साल 2015 में भारतीय सेना में भर्ती हुआ था। डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता ने बताया कि एस.एस.पी. नवीन सिंगला के नेतृत्व में जालंधर ग्रामीण पुलिस ने एन.डी.पी.एस. केस की जांच करते हुए सरहद पार के नशा तस्कर रणवीर सिंह को 24 मई, 2021 को 70 ग्राम हैरोइन समेत काबू किया था।

पूछताछ के दौरान उससे भारतीय सेना की कार्यप्रणाली और तैनाती संबंधी गुप्त दस्तावेज बरामद हुए थे। रणवीर ने खुलासा किया कि उसको यह दस्तावेज सिपाही हरप्रीत सिंह, जो उसका दोस्त है, से मिले हैं। वे दोनों एक ही गांव के निवासी हैं।  डी.जी.पी. ने कहा कि रणवीर ने सिपाही हरप्रीत सिंह को सेना से संबंधित गोपनीय दस्तावेज साझा करने के लिए वित्तीय लाभ देने के लिए प्रेरित किया, जिसके बाद उसने अपने दोस्त सिपाही गुरभेज को इन देश विरोधी गतिविधियों में शामिल कर लिया। डी.जी.पी. ने बताया कि चूंकि गुरभेज इन्फैंटरी ब्रिगेड हैडक्वार्टर कारगिल में बतौर क्लर्क काम कर रहा था, इसलिए उसको भारतीय सेना से जुड़े रणनीतिक और युद्ध नीतियों संबंधी जानकारी वाले इन गोपनीय दस्तावेजों तक पहुंचना आसान था। 


4 महीनों में इकट्ठी की जानकारी
दोनों सेना जवानों ने फरवरी से मई 2021 के मध्य 4 महीनों में देश की सेना और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित 900 से अधिक गोपनीय दस्तावेजों की फोटो सांझा की, जिनको आरोपियों ने आगे पाकिस्तानी खुफिया जानकारी अधिकारी के हवाले कर दिया था। रणवीर आगे यह गोपनीय दस्तावेज या तो पाकिस्तान आई.एस.आई. के गुर्गों को सीधे तौर पर या अमृतसर के गांव डौके मुख्य नशा तस्कर गोपी द्वारा भेजता था। गोपी, पाकिस्तान स्थित नशा तस्करी करने वाले सिंडीकेट और आई.एस.आई. अधिकारियों के संपर्क में था और उनके साथ मिलकर काम करता था। रणवीर के खुलासों के बाद पुलिस ने गोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है।  एस.एस.पी. नवीन सिंगला ने बताया कि फौज के अधिकारियों ने दोनों आरोपी फौजियों को जालंधर ग्रामीण पुलिस के हवाले कर दिया हैै।

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