ट्रांसपोर्ट विभाग का Licence धारकों को बड़ा झटका, इन लोगों को फिर बनवाने होंगे Driving Licence

Edited By Vatika,Updated: 16 Mar, 2024 09:51 AM

transport department s big blow to license holders

आर.टी.ओ. रनदीप सिंह हीर ने बताया कि विभाग से लाइसैंस की बैकलॉग शुरू करने संबंधी विचार चर्चा की थी जिसमें उन्होंने कहा कि लाइसैंस की बैकलॉग शुरू नहीं की जाएगी।

लुधियाना(राम): ट्रांसपोर्ट डिपार्टमैंट ने लाइसैंस धारकों को बड़ा झटका दिया है। सिस्टम को सुधारने और भ्रष्टाचार को कम करने की आड़ में लाखों लोगों को परेशानी में डाल दिया है। विभाग ने 4 महीने से लाइसैंस की बैकलॉग बंद कर रखी है। इस वजह से कई लाइसैंस धारक अपने लाइसैंस को ऑनलाइन नहीं करवा पा रहे हैं। विभाग ने आर.सी. की बैकलॉग शुरू कर दी है लेकिन लाइसैंस की एंट्री अभी तक बंद हैं। इसे लेकर लोगों में असमंजस है कि लाइसैंस की बैकलॉग शुरू होगी या नहीं। जिस भी व्यक्ति का लाइसैंस पुराने समय यानि स्मार्ट कार्ड नहीं बना है, वह दोबारा से लर्निंग लाइसैंस से अपना लाइसैंस बनवाने की प्रक्रिया शुरू कर सकता है। एक महीने बाद वह पक्का लाइसैंस टैस्ट देकर बनवा सकता है। आर.टी.ओ. रनदीप सिंह हीर ने बताया कि विभाग से लाइसैंस की बैकलॉग शुरू करने संबंधी विचार चर्चा की थी जिसमें उन्होंने कहा कि लाइसैंस की बैकलॉग शुरू नहीं की जाएगी।

2011 में शुरू हुए स्मार्ट कार्ड वाले लाइसैंस
2011 में स्मार्ट कार्ड वाले लाइसैंस शुरू हुए थे। 2010 तक सिंगल पेज पर होलोग्राम लगा लाइसैंस बनाया जाता था। 2011 में स्मार्ट कार्ड के लाइसैंस बनने शुरू हुए। जोकि वाहन-3 पोर्टल पर ऑनलाइन चढाएं जाने लगे। इसके बाद ट्रांसपोर्ट विभाग ने इसे अपडेट कर वाहन-4 पोर्टल में तबदील कर दिया।

इतनी होगी सरकारी फीस
बता दें कि विभाग ने लाइसैंस बनवाने के प्रोसैस को ऑनलाइन आसान कर दिया है। सारथी की साइट पर जाकर आवेदक खुद लर्निंग लाइसैंस अप्लाई कर सकता है। जोकि 6 महीने के लिए वैलिड होता है। इसके बाद वह एक महीने बाद पक्का लासड्रेस अप्लाई कर सकता है। हालांकि वाहन के जरिए आवेदक को मैसेज भेज सूचित किया जाता है कि आवेदक अपना पक्का लाइसैंस अप्लाई कर सकता है। लर्निंग लाइसैंस (स्कूटर- मोटर साइकिल) के लिए 520 रुपए और पक्के लाइसैंस के लिए 1385 रुपए फीस अदा करनी होगी। लाइसैंस अप्लाई करने के लिए आवेदक को डा. से मैडीकल रिपोर्ट लगाना अनिवार्य है।

करप्शन के मामले सामने आने के कारण लिया फैसला : एस.टी.सी.
स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर मनीष कुमार ने बताया कि हैवी लाइसैंस बनवाने के लिए नॉर्मल लाइसैंस एक साल पुराना होना चाहिए। परंतु उनके पास ऐसी एप्लीकेशन आई है कि बैकलॉग को गलत तरीके से सारथी पर ऑनलाइन चढ़ाया गया है। करप्शन के मामले भी सामने आए हैं। कुछ लाइसैंस की अवधी 50 साल, 40 साल व 30 साल तक की थी। जोकि कानूनी तरीके से गलत थे। इसलिए लाइसैंस की बैकलॉग को बंद कर दिया गया है।

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