Edited By Vatika,Updated: 16 Dec, 2019 12:22 PM
रेल मंत्रालय एक तरफ तो रेल यात्रियों को अनेक सुविधाएं देने के बड़े-बड़े वायदें करता है, परंतु सच्चाई किसी से छुपी नहीं है।
अमृतसर (जशन): रेल मंत्रालय एक तरफ तो रेल यात्रियों को अनेक सुविधाएं देने के बड़े-बड़े वायदें करता है, परंतु सच्चाई किसी से छुपी नहीं है। रेल प्रशासन अभी तक रेल गाडिय़ों की लेटलतीफी को ही सुधार नहीं पाया है तो वह यात्रियों को अन्य सहूलियतें क्या देगा? वहीं धुंध के चलते रेलगाडिय़ों के लेटलतीफी होने का सिलसिला शुरू हो गया है। इससे ठंड के दौरान यात्रियों को अपने गंतव्य स्थानों को जाने के लिए परेशानी हो रही है।
अमृतस रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन 116 रेलगाडिय़ों का आवागमन होता है। इसके तहत यहां पर रेल विशेषज्ञों व अधिकारियों की भी लंबी चौड़ी फौज है। इसके बावजूद यहां का प्रशासन अधिकांश रेलगाडिय़ों को सही समय पर चलाने में अभी तक फिसड्डी ही साबित हुआ है। इसके अलावा रेल मंत्रालय को हरेक वर्ष सर्दी के मौसम में धुंध के कारण कई करोड़ों रुपयों की चपत लगती है और रेल मुसाफिरों को जो दिक्कते दरपेश आती है, वह अलग से है। इसके बावजूद रेल मंत्रालय इसके प्रति अभी गंभीर नहीं है, जबकि रेलवे को प्रतिवर्ष करोड़ों की आय है। विदेशों में तो धुंध के मौसम से बचने के लिए रेलवे इंजनों पर विशेष प्रकार की एक डिवाइज लगी होती है, जिससे की ड्राइवर को विजिबिल्टी संबंधी दिक्कत ना हो। वहीं अपने देश का रेल मंत्रालय के अधिकारियों की ओर से वल्र्ड क्लास बनने प्रति बयानबाजी किया जाता है, लेकिन हकीकत इससे अभी कोसों दूर है। रेल मंत्रालय अभी तक देश में इसके प्रति सिर्फ ट्रायल ही कर पाया है। सो यहां पर रेल इंजनों में विजिबिल्टी संबंधी कोई डिवाइज भी नहीं लगी है, जिससे मजबूरन इंजन के ड्राइवरों को इस मौसम में रेलगाड़ी चलाने में खासी दिक्कत दरपेश आती है।
इस बारे में रेल यात्रियों विनित महाजन, योगेश शर्मा, राजीव शर्मा, विक्की सूद, संजीव शर्मा, पवन प्रभाकर, मलकीयत सिंह, जगदीप सिंह, अशोक कुमार, पी.सी.शर्मा, मीनाक्षी, विकास आदि ने कहा कि रेल मंत्रालय को यात्रियों व माल ढुलाई से भी रेलवे को भारी आय होती है। स्थिति तो यहां तक है कि लगभग हरेक रेलगाड़ी यात्रियों से पहले ही फुल हो जाती हैं। इसके बावजूद रेल मंत्रालय ‘रेलवे नुक्सान में है, कहता रहता है’ जोकि बात किसी को भी हजम नहीं होती। उन्होंने कहा कि धुंध के समय हर वर्ष टे्रनों के लेट से चलने का सिलसिला जारी रहता है, लेकिन रेलवे मंत्रालय इस समस्या से निपटने के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठा रहा है। रेल मंत्री से मांग है कि धुंध व ठंड को ध्यान में रखते हुए धुंध व ठंड के समय टे्रनों के सही समय पर चलने का प्रबंध किया जाए, जिससे यात्रियों को परेशानी से निजात मिल सके।