Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Jul, 2017 11:02 AM
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पिछले सालों के दौरान घोषित स्कीमों के तहत जालंधर शहर जहां स्मार्ट सिटी की सूची में अपना स्थान बना चुका है वहीं जालंधर को केन्द्र सरकार ने अमरूत योजना के तहत भी सिलैक्ट कर रखा है जिसके तहत जालंधर शहर को अगले 5 सालों...
जालंधर (खुराना, चोपड़ा): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पिछले सालों के दौरान घोषित स्कीमों के तहत जालंधर शहर जहां स्मार्ट सिटी की सूची में अपना स्थान बना चुका है वहीं जालंधर को केन्द्र सरकार ने अमरूत योजना के तहत भी सिलैक्ट कर रखा है जिसके तहत जालंधर शहर को अगले 5 सालों के दौरान 540 करोड़ रुपए की ग्रांट मिलनी तय है।
अमरूत योजना के तहत जालंधर को सिलैक्ट हुए कई महीने बीत चुके हैं परंतु अभी तक इस योजना के तहत शहर में एक भी कार्य शुरू नहीं हुआ। अमरूत योजना के पहले चरण में नगर निगम को वाटर सप्लाई तथा सीवरेज व्यवस्था सुदृढ़ करने और कुछ पार्कों की डिवैल्पमैंट करने का कार्य सौंपा गया है। वाटर सप्लाई तथा सीवरेज कार्यों पर केन्द्र सरकार ने पहले चरण में करीब 140 करोड़ रुपए की ग्रांट रिलीज करनी है और निगम को यह कार्य शुरू करवाने के लिए कह दिया गया है।
केन्द्र सरकार ने इस ग्रांट में से करीब आधे पैसे पंजाब सरकार पर आधारित स्टेट लैवल कमेटी को अलाट कर रखे हैं।केन्द्र से आ रही इस भारी-भरकम ग्रांट को जिस प्रकार जालंधर नगर निगम द्वारा खर्च नहीं किया जा रहा उससे यह ग्रांट लैप्स हो जाने का खतरा पैदा हो गया है। इस समय जालंधर शहर के चारों विधायक कांग्रेस से संबंधित हैं। इन विधायकों में से 3 परगट सिंह, राजेन्द्र बेरी तथा बावा हैनरी ने आज निगम कमिश्रर डा. बसंत गर्ग को सॢकट हाऊस में बुलाकर उनके साथ विस्तृत बैठक की जिस दौरान अमरूत योजना के तहत जारी हुई ग्रांट के अलावा निगम की वित्तीय स्थिति, पी.आई.डी.बी. के कामों, डॉग कम्पाऊंड तथा पार्षद हाऊस की बैठक बुलाने संबंधी मुद्दों पर चर्चा हुई।
फोल्ड़ीवाल ट्रीटमैंट प्लांट
अमरूत योजना के तहत जारी ग्रांट से फोल्ड़ीवाल ट्रीटमैंट प्लांट की क्षमता बढ़ाने तथा इसे नवीनतम टैक्नोलोजी से युक्त करने की योजना है परंतु विधायक परगट सिंह इस कार्य के लिए राजी नहीं हैं। उनका मानना है कि फोल्ड़ीवाल ट्रीटमैंट प्लांट इस समय जिस भूमि पर स्थित है वह बेशकीमती है जिसे बेच कर इस प्लांट को आगे शिफ्ट किया जा सकता है। नई टैक्रोलाजी के कारण वहां कम जगह की जरूरत पड़ेगी। आज बैठक के दौरान इस मुद्दे पर काफी चर्चा हुई जिसके लिए विधायक द्वारा 15 दिन के भीतर समाधान निकालने की बात कही गई।
वाटर सप्लाई लाइन
अमरूत योजना के तहत शहर की वर्षों पुरानी पाइप लाइनों को बदलने की योजना पर 84 करोड़ का बड़ा टैंडर लगाया गया था परंतु 2 बार लगने के बावजूद किसी ठेकेदार ने यह टैंडर नहीं भरा। सरकार ने भी इस टैंडर को छोटे हिस्सों में लगाने की आज्ञा नहीं दी।बैठक के दौरान विधायकों ने फैसला लिया कि चंडीगढ़ जाकर अमरूत स्टेट लैवल कमेटी के प्रतिनिधि वी.पी. सिंह से बात की जाएगी और यह टैंडर छोटे टुकड़ों में लगवाया जाएगा ताकि काम शुरू हो सके।
पानी की टंकियां
अमरूत योजना के तहत केन्द्र सरकार ने शहर में 8 पानी की टंकियों के निर्माण हेतु ग्रांट जारी की है। विधायकों ने आज बैठक के दौरान कहा कि शहर में टंकी सिस्टम कारगर नहीं है, कई पुरानी टंकियां बंद पड़ी हैं। कमिश्रर का कहना था कि कुछ क्षेत्रों को इकट्ठा करके टंकियों के माध्यम से पानी सप्लाई हो सकता है। फिलहाल इस मुद्दे पर भी दोबारा चर्चा होगी।
कांग्रेसी विधायकों और कमिश्रर के मध्य हुई बैठक मुख्यत
पार्षद हाऊस की बैठक पर भी आधारित रही। कमिश्रर का कहना था कि एक्ट के मुताबिक हाऊस की बैठक मेयर बुला सकते हैं परंतु विधायकों ने कहा कि यदि मेयर बैठक नहीं बुलाते तो कमिश्रर सरकार को लिख कर भेजें सरकार अपने स्तर पर फैसला लेगी या मेयर को नोटिस निकाला जा सकता है। इन विधायकों ने कहा कि पार्षद हाऊस की बैठक के दौरान मेयर को जीरो आवर देना ही पड़ेगा क्योंकि विकास तथा कई अन्य मुद्दों पर हाऊस में चर्चा होनी है, कई कार्य रुके पड़े हैं, मेयर को कांग्रेस से कम और अपनों से ज्यादा खतरा है।